आठ दिन से भूख हड़ताल कर रही मेधा पाटकर ने अनशन खत्म किया, एनवीडीए कमिश्नर से मिला आश्वासन

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बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने 8 दिन से चली आ रही अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। वे बीते आठ दिनों से लगातार सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के मुद्दों को लेकर भूख हड़ताल कर रही थीं, धार जिले के कुक्षि ब्लॉक के ग्राम खेड़ा के अनशन स्थल पर पहुंचे कलेक्टर और एसपी ने मेधा पाटकर की बात एनवीडीए कमिश्नर दीपक सिंह से करवाई। जिसके बाद मिले आश्वासन के बाद उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया। दअसल, सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों का उचित पुनर्वास नहीं किए जाने और कई लोगों का नाम सर्वे में छोड़ दिए जाने जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर बड़वानी जिले की नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर पिछले आठ दिन से जिले के चिखल्दा के खेड़ा गांव में भूख हड़ताल कर रही थीं। इस दौरान उन्हें स्थानीय रहवासियों सहित डूब प्रभावितों का जमकर समर्थन मिल रहा था। भूख हड़ताल कर रही मेधा पाटकर की तबीयत भी लगातार बिगड़ती जा रही थी।

वीडियो कॉल पर करवाई गई कमिश्नर से चर्चा
प्रियंक मिश्रा, धार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और एसडीएम कुक्षी प्रमोद सिंह गुर्जर सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक अमला अनशन स्थल पहुंचा था। जहां मेधा पाटकर की वीडियो कॉल पर एनवीडीए कमिश्नर दीपक सिंह से चर्चा करवाई गई। इस दौरान दोनों के बीच जल्द ही नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेकर शीघ्र ही डूब प्रभावितों की समस्याओं पर कार्य करने को लेकर सहमति बनी। मेधा पाटकर ने प्रशासनिक अमले से कहा कि अब हमें आश्वासन नहीं, निर्णय लेकर धरातल पर कार्य चाहिए। अगर, फिर से 2023 जैसे डूब के हालात बनते हैं, तो इस बार वह जल सत्याग्रह करेंगी।

अनशन तोड़ते ही भावुक हुईं मेधा पाटकर 
अनशन स्थल पर दिल्ली से आए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि अगर सरकार और एनवीडीए वादा खिलाफी करती है तो वे मेधा पाटकर जी को वचन देते हैं कि वे डूब प्रभावितों के अधिकारों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में जारी रखेंगे। इधर, बीते आठ दिनों से भूख हड़ताल कर रहीं मेधा पाटकर अनशन को तोड़ते ही भावुक हो गईं, वे अनशन में साथ दे रहीं महिलाओं से मिलते हुए रोने लगी।
कलेक्टर बोले- ईमानदारी के साथ करेंगे समस्या का हल

धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि हम लोग यहां अनशन स्थल पर आए हुए थे और कमिश्नर साहब भी ऑनलाइन जुड़े हुए थे। शासन में प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में सभी ने आश्वासन दिया है कि शासन, पुनर्वास नीति और माननीय उच्चतम न्यायालय के अनुसार जो भी यहां की परिस्थितियां हैं, जो भी पुनर्वास से बचे हुए हैं, उन सभी कार्यों को अविलंब पूर्ण किया जाएगा। ऐसे लोग जिनके लिए कोई विशेष कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है वह भी बनाई जाएगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि शासन पर भरोसा रखें, शासन आपके साथ है। ईमानदारी के साथ हम आपकी समस्या का हल करेंगे ।

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