मोहन भागवत को जून 2015 में जेड-प्लस की सुरक्षा दी गई थी। इससे पहले कांग्रेस सरकार ने भी उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा कवर देने का आदेश दिया था। हालांकि, उस समय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने कर्मियों और वाहनों की कमी के कारण उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई थी। जेड-प्लस सुरक्षा में 55 कमांडो तैनात किए जाते हैं, जो 24 घंटों सुरक्षा पाने वाले वीआईपी के साथ रहते हैं। बता दें कि एएसएल श्रेणी की सुरक्षा में संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभाग जैसी स्थानीय एजेंसियां शामिल होती हैं। जिस स्थान पर मोहन भागवत कार्यक्रम के लिए जाएगें, वहां पहले से ही एक टीम मौके का निरीक्षण करने जाएगी। उनके ग्रीन सिग्नल देने के बाद ही मोहन भागवत उस कार्यक्रम में शामिल होने जाएंगे।
मोहन भागवत को जून 2015 में जेड-प्लस की सुरक्षा दी गई थी। इससे पहले कांग्रेस सरकार ने भी उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा कवर देने का आदेश दिया था। हालांकि, उस समय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने कर्मियों और वाहनों की कमी के कारण उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई थी। जेड-प्लस सुरक्षा में 55 कमांडो तैनात किए जाते हैं, जो 24 घंटों सुरक्षा पाने वाले वीआईपी के साथ रहते हैं। बता दें कि एएसएल श्रेणी की सुरक्षा में संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभाग जैसी स्थानीय एजेंसियां शामिल होती हैं। जिस स्थान पर मोहन भागवत कार्यक्रम के लिए जाएगें, वहां पहले से ही एक टीम मौके का निरीक्षण करने जाएगी। उनके ग्रीन सिग्नल देने के बाद ही मोहन भागवत उस कार्यक्रम में शामिल होने जाएंगे।