पुणे। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल तो पहुंच गया लेकिन एक दिन बाद ही भटक गया। 30 मई को मानसून पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ गया। मौसम विभाग का कहना है कि अब कुछ दिनों तक मानसून के धीमी गति से आगे बढ़ने की संभावना है। यह उन क्षेत्रों के लिए चिंता की बात है जहां केरल के बाद चक्रवात आते हैं, जिनमें महाराष्ट्र के कुछ हिस्से शामिल हैं।
मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि चक्रवाती तूफान रेमल के कारण मानसून बंगाल की खाड़ी मजबूत हो गई है, जिससे यह पूर्वोत्तर भारत में पहुंच गई है। वहीं अरब सागर की स्थिति कमजोर हो गई है। अगले कुछ दिनों में प्रायद्वीपीय भारत में बारिश होगी, लेकिन यह कम हो सकती है।
मानसून को फिर से मजबूत होने में कुछ दिन लगेंगे, जिससे दक्षिण महाराष्ट्र और बाद में उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून देर से आएगा। उत्तर-पश्चिम भारत के लिए जून की बारिश का पूर्वानुमान सामान्य से कम बारिश होती है। मानसून आगे बढ़ने का कारण भारतीय तटों के दोनों ओर बनने वाली प्रणालियां हैं। ऐसा लगता नहीं है कि ये विशेषताएं मौजूद हैं और हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में भी न हो।
विशेषज्ञों ने कहना है कि अगले कुछ दिनों में प्रायद्वीपीय भारत में जो बारिश की गतिविधि होगी, वह गरज के साथ बौछारें या स्थानीय स्तर पर बारिश जैसी होगी। यह मानसून की गतिविधि के लिए असामान्य है। महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और यहां तक कि ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी इसके आने में देरी हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी के शेष भागों और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों, त्रिपुरा, मेघालय और असम के शेष भागों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों में आगे बढ़ गया है।
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