सरकार का जितना बजट, उससे ज्यादा मप्र पर कर्जा

फिर 14 साल के लिए लेगी दो हजार करोड़ का कर्जा

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भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार का जितना बजट है, उससे ज्यादा उसका कर्जा हो गया है। इसके बावजूद सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। सरकार द्वारा 3 दिसंबर को आने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम से पहले ही यह कर्ज लिया जाएगा। सरकार दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। आपको बता दें, इसके पहले ही प्रदेश सरकार पर 3 लाख 32 हजार करोड़ का कर्ज है। 29 नवंबर को यह नया कर्ज लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 14 साल के लिए यह कर्ज लिया जाएगा। इसे 29 नवंबर 2037 तक चुकाया जाएगा। सरकार ने देश की सभी वित्तीय संस्थानों से 28 नवंबर तक प्रस्ताव बुलाए हैं। इसके बाद जो संस्था सबसे कम ब्याज और सरकार की शर्तो के अनुसार कर्ज देगी उससे ही कर्ज लिया जाएगा। हम बता दें कि इस तरह से सरकार पर अब तक कुल 3 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का कर्जा हो गया है। जो कि मप्र सरकार के मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट से भी ज्यादा है।
हम बता दें कि राज्य सरकार पर पहले से ही 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 2 लाख 817 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया गया है। जबकि पावर बॉन्ड और अन्य बांड के माध्यम से 6 हजार 624 करोड़ का कर्ज सरकार ने लिया है। 14 हजार 620 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से लिया है। केंद्र सरकार से एडवांस के तौर पर 52 हजार 617 करोड़ मिला है। केंद्र सरकार से ही अल्प बचत योजना में 38 हजार 498 करोड़ कर्ज मिला है। जबकि 18 हजार का करोड़ कर्जा अन्य वित्तीय संस्थाओं से लिया गया है।

प्रदेश पर बढ़ता जा रहा कर्ज बोझ
सरकार द्वारा बार-बार कर्जा लेने से प्रदेश पर हर साल कर्ज को बोझ बढ़ता जा रहा है। मप्र सरकार का जितना बजट है, उससे ज्यादा उस पर कर्जा हो गया है। सरकार पर अब 3 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का कर्जा हो गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में मप्र सरकार का बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए है। हम बता दें कि 31 मार्च 2022 तक प्रदेश का कुल कर्ज 2.95 लाख करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान के अनुसार 31 मार्च, 2024 तक यह आंकड़ा बढक़र 3.85 लाख करोड़ होने का अनुमान है।

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