नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 135 करोड़ की ड्रग्स जब्त की

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मुंबई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई टीम ने महाराष्ट्र से संचालित एक अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट का खुलासा कर उनके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि एक वाहन और दो फैक्ट्रियों सहित 135 करोड़ की अनुमानित राशि की 199.29 किलोग्राम अल्प्राजोलम जब्त किया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई कार्यालय ने कहा कि आगे की जांच और कार्यवाही जारी है। बताया गया है कि एनसीबी की मुंबई टीम ने पुणे जिला के शिरूर तालुका के कान्हूर मेसाई में एक संदिग्ध वाहन को रोका और उसमें मौजूद सामग्री की गहन जांच के बाद संदिग्ध पाउडर और कुछ प्रयोगशाला उपकरण पाए गए। इसकी जाँच में मिडगुलवाड़ी, (जिला, पुणे) में एक गुप्त इकाई पाई गई। जांच के दौरान उस गुप्त प्रयोगशाला में कच्चे माल के साथ 173.34 किलोग्राम अल्प्राजोलम उत्पादन पाया गया। इस गुप्त प्रयोगशाला में अत्याधुनिक उपकरण, जनरेटर, ड्रायर आदि मौजूद थे। आगे की कार्रवाई में, नारायणगांव के पास, आंबेगाव तालुका, जिला. पुणे में 25.95 किलोग्राम अल्प्राजोलम कच्चे माल के विशाल भंडार के साथ एक और गुप्त उत्पादन युनिट पाई गई।

दोनों उत्पादन युनिट दूरदराज के इलाकों में स्थित हैं जहां वाहन से पहुंचना मुश्किल है। विस्तृत जांच से पता चला कि इन गुप्त उत्पादन युनिट को दोनों स्थानों पर ड्रग्स की आपूर्ति करने वाले एक ही समूह द्वारा चलाया जा रहा था। बहरहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा मंचर में ताड़ी की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति को अवैध रूप से अल्प्राजोलम बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

एनसीबी को पुणे से इन सभी अवैध लेनदेन करने वाले एक महत्वपूर्ण मास्टरमाइंड के बारे में पता चला, फिर उसे उसके एक साथी के साथ मुंबई से सटे मीरारोड और ठाणे से गिरफ्तार किया गया। एनसीबी के सूत्रों के मुतबिक इस जांच के दौरान, पुख्ता जानकारी और आपत्तिजनक सबूत मिले हैं। अवैध रूप से निर्मित अल्प्राजोलम महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बेचा जा रहा था, खासकर ताड़ी के अवैध निर्माण के लिए मालूम हो कि अल्प्राजोलम का उपयोग ताड़ी की शक्ति को कृत्रिम रूप से बढ़ाने और कृत्रिम ताड़ी का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। ऐसी मिलावटी ताड़ी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. इसका तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एक बड़ा बाजार है और समाज के निचले तबके के उपभोक्ता इसे खरीदते हैं। बहरहाल चुनाव आचार संहिता के दौरान ऐसे अवैध उत्पादन और यातायात को रोकने में एनसीबी को बड़ी सफलता मिली है, जिसका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा सकता है।

 

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