वाशिंगटन। परीक्षण उड़ान के तहत एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष में गए दोनों यात्रियों को अब वहां आठ महीने से ज्यादा समय रुकना होगा। वे जून की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे हुए हैं। बोइंग के नए ‘कैप्सूल से भारतीय-अमेरिकी सुनीता विलियम्स समेत दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लाना बेहद जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए उन्हें अगले साल ‘स्पेसएक्स यान से वापस लाया जाएगा। यह कहना है नासा का।
नए कैप्सूल में ‘थ्रस्टर के काम नहीं करने और हीलियम रिसाव के कारण अंतरिक्ष स्टेशन तक सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर यात्रा में बाधा आ गई थी, जिसके बाद उन्हें वापस पृथ्वी पर लाने में मुश्किल आ रही है। करीब तीन महीने के बाद नासा के उच्च अधिकारियों ने उनकी वापसी को फरवरी तक टालने का निर्णय लिया। बुच विल्मोर और विलियम्स फरवरी में ‘स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी पर वापस आएंगे। नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि परीक्षण उड़ान न तो सुरक्षित होती है और न ही नियमित। लिहाजा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। नासा के सहायक प्रशासक जिम फ्री ने कहा कि यह आसान फैसला नहीं है, लेकिन बिल्कुल सही निर्णय है।