काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 188 वोट हासिल करके विश्वास मत जीत लिया है। बता दें कि उन्हें विश्वास मत जीतने के लिए 138 वोटों की जरूरत थी, जो उन्हें मिले वोटों से 50 ज्यादा है। जानकारी के मुताबिक संसद में मौजूद 263 सांसदों में से 188 ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 74 ने इसके विरोध में मतदान किया वहीं एक सांसद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
केपी शर्मा ओली के लिए आसान था विश्वास मत
नेपाल के संविधान के अनुसार, के.पी. शर्मा ओली को नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना जरूरी था। करीब एक हफ्ते पहले नेपाल के दिग्गज कम्युनिस्ट नेता ने चौथी बार हिमालयी राष्ट्र के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें कैबिनेट के 21 अन्य सदस्यों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी। बता दें कि 275 सदस्यों वाली नेपाल की संसद में सरकार को विश्वास मत के लिए 138 सदस्यों का वोट प्राप्त करना होता है। वहीं नए गठबंधन नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के पास कुल 167 सदस्य हैं। इसके अलावा इस गठबंधन को दो अन्य दलों का भी समर्थन प्राप्त है। जिनके पास 11 सदस्य हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीटें हैं, जबकि सहयोगी दल सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं।
नेपाल के संविधान के अनुसार, के.पी. शर्मा ओली को नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना जरूरी था। करीब एक हफ्ते पहले नेपाल के दिग्गज कम्युनिस्ट नेता ने चौथी बार हिमालयी राष्ट्र के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें कैबिनेट के 21 अन्य सदस्यों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी। बता दें कि 275 सदस्यों वाली नेपाल की संसद में सरकार को विश्वास मत के लिए 138 सदस्यों का वोट प्राप्त करना होता है। वहीं नए गठबंधन नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के पास कुल 167 सदस्य हैं। इसके अलावा इस गठबंधन को दो अन्य दलों का भी समर्थन प्राप्त है। जिनके पास 11 सदस्य हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीटें हैं, जबकि सहयोगी दल सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं।