नई दिल्ली। म्यांमार में आए भूकंप से भारी नुकसान हुआ है। यहां भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा शुरु किया है। भारतीय सेना पीडितों की मदद कर रही है। रेस्क्यू में पूरा सहयोग कर रहे जवान वहां के लिए देवदूत बने हुए हैं। भारत सरकार की तरफ से चलाए जा रहे राहत बचाव ऑपरेशन ब्रह्मा में तीनों सेना ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान राहत सामग्री लेकर उड़ान भर रहे हैं। वही सेना अपने फील्ड ऑस्पताल के साथ म्यांमार में लैंड कर चुकी है।
नौसेना के दो शिप भी राहत सामग्री लेकर यंगून पोर्ट पर पहुंच रहा है। भारतीय सेना हर स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहती है। चाहे वह जंग हो या फिर कोई राहत बचाव का ऑपरेशन हो। सरकार की तरफ से जैसे ही म्यांमार में ऑपरेशन लॉन्च किया गया। सेना हरकत में आ गई । सेना को राहत बचाव के ऑपरेशन में महारत हासिल है। इसके लिए भारतीय सेना के 50(I) पैरा ब्रिगेड को तैनात किया गया। 118 स्पेशलिस्ट रेस्क्यू टीम अपने मेडिकल साजोसामान और कम्यूनिकेशन यूनिट के साथ 29 मार्च को रवाना की गई। वायुसेना का सी-17 म्यांमार के समयानुसार रात 1130 बजे ने पी ताव अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड हुआ। टीम को रिसीव करने के लिए खुद म्यांमार में भारत के राजदूत मौजूद थे। स्पेशलाइज उपकरण के साथ सेना का फील्ड अस्पताल इस वक्त म्यांमार में मौजूद है।
60 बेड वाला फील्ड अस्पताल बनेगा
यह टीम 60 बेड वाला फील्ड अस्पताल स्थापित करेगी। मंडाले में जल्द यह फील्ड अस्पताल ऑपरेशन थियेटर को स्तापित कर देगी। इस फैसेलिटी सबसे बड़ी खासियत है कि यह ट्रॉमा केसा के साथ साथ इमरजेंसी ऑपरेशन को भी बेहतर तरीके से अंजाम दे सकती है। रविवार को सेना ने अपने काम को अंजाम देना बी शुरू कर दिया। सबसे पहले एक टोही दल को मंडाले में हालातों का जायजा लेने के भेजा। यह मौजूदे सेना के बेस से 160 मील दूर है। इसे प्राथमिक ऑपरेशन बेस के तौर पर चिन्हित किया गया।