उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव: अब तक 10 की हुई मौत, कई लोग झुलसे, सैकड़ों हेक्टेयर वन संपदा राख

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देहरादून। उत्तराखंड में इस फायर सीजन में जंगल की आग की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत हो चुकी है, इसके अलावा कई घायल भी हुए हैं। वनाग्नि से प्रदेश सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान भी पहुंच चुका है। इस बार बारिश और बर्फबारी नहीं होने के कारण जंगल शुष्क थे, जंगलों में आग सर्दियों के समय से ही लगनी शुरू हो गई थी। तापमान बढ़ने के साथ ही जंगल की आग की घटनाओं में बढ़ोतरी होती गई। सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं कुमाऊं मंडल के अंतर्गत आने वाले वन प्रभागों में हुईं। अकेले अल्मोड़ा जिले में ही नौ लोगों की मौत हुई। वन विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक वनाग्नि से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा नौ लोग घायल हो चुके हैं।
1220 जंगल की आग की हो चुकी घटना
प्रदेश में पिछले वर्ष नवंबर से 13 जून तक जंगल में आग की 1220 घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें कुमाऊं मंडल में 591, गढ़वाल मंडल में 523 और वन्यजीव क्षेत्र में 106 घटनाएं हुई हैं। इनसे 1657 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा प्रभावित हुई है।
Uttarakhand Forest fire 10 people died in fire season so far and Nine Scorched All Updates in Hindi

 

वन विभाग जंगल की आग को लेकर 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन घोषित करता है। पर जो हालात हैं, उसमें यह अवधि बढ़ाने का फैसला किया गया है। अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि नियंत्रण निशांत वर्मा का कहना है कि सभी डीएफओ समेत अन्य अधिकारियों को 20 जून तक फायर सीजन की तरह ही सतर्क रहने और फायर वॉचर को तैनात रखने समेत अन्य निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद स्थितियों की समीक्षा कर आगे का कदम उठाया जाएगा।
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अल्मोड़ा हादसे की रिपोर्ट तलब
बिन्सर वन्यजीव विहार में जंगल की आग की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हुई और चार घायल हुए हैं। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु का कहना है कि घटना के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है।
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