नई दिल्ली। यदि आप दर्द से राहत पाने के लिए मेफ्टाल दवा का उपयोग कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ये दवा जानलेवा भी हो सकती है। इंडियन फार्माकोपिया कमीशन ने मेफ्टाल पेनकिलर को लेकर सेफ्टी अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में कहा है कि मेफ्टाल दवा में इस्तेमाल किया जाने वाला मेफेनैमिक एसिड गंभीर साइड इफेक्ट की वजह बन सकता है। यह दवा इसिनोफीलिया और सिस्टमेटिक सिम्पटम्स सिंड्रोम ड्रग रिएक्शन की वजह बन सकती है।मेफेनैमिक एसिड रुमेटाइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, दर्द, सूजन, बुखार और दांत दर्द की दर्द निवारक दवाओं में यूज किया जाता है।
आयोग ने अपने अलर्ट में कहा कि फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया डेटाबेस से प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं के प्रारंभिक विश्लेषण से ड्रेस सिंड्रोम का पता चला है। ड्रेस सिंड्रोम कुछ दवाओं के कारण होने वाली एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया है। इसकी वजह से त्वचा पर लाल चकत्ते, बुखार और लिम्फैडेनोपैथी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। ये परेशानियां दवा लेने के दो से आठ सप्ताह के बीच हो सकती हैं। हालांकि यह ड्रग ओवर द काउंटर मिलने वाली दवा नहीं है और इसे डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन से ही दिया जाता है। भारत में इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। मेंस्ट्रुअल पेन, सिरदर्द, मसल्स और जॉइंट पेन के अलावा तेज बुखार के मामलों में बच्चों को भी यह दवा दी जाती है।
इस कैटेगरी में टॉप ब्रांड्स में ब्लू क्रॉस लैबोरेटरीज की मेफ्टाल, मैनकाइंड फार्मा की मेफकाइंड पी, फाइजर की पोनस्टैन, सीरम इंस्टीट्यूट की मेफनॉर्म और डॉ. रेड्डी की इबुक्लिन पी दवा शामिल हैं। इस अलर्ट में मेडिकल प्रोफेशनल्स और मरीजों से दवा के साइड इफेक्ट्स पर बारीकी से नजर रखने को कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि दवा लेने के बाद ऐसा कोई रिएक्शन सामने आए, तो संदिग्ध प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं को दर्ज करके आईपीसी को रिपोर्ट करें.
हालांकि डॉक्टर्स की मानें तो ड्रेस सिंड्रोम कई नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं का एक सामान्य साइड इफेक्ट है, जिसके बारे में मेडिकल प्रोफेशनल्स को पहले से पता है।