द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री अताउल्लाह तरार ने सोमवार को एलान किया कि संघीय सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। मंत्री तरार ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने के लिए सबूत मौजूद हैं और सरकार पार्टी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगी। बता दें, सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षित सीटों के मामले में पीटीआई और अवैध विवाह मामले में खान को राहत दी है।
इमरान की पार्टी ने किया फैसले का विरोध
इमरान खान 200 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से कुछ में उन्हें दोषी करार दिया गया है और वह अभी रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। इस बीच इमरान की पार्टी ने एक बयान में कहा कि संघीय सरकार ने एक राजनीतिक दल के रूप में पीटीआई पार्टी को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। सूचना मंत्री द्वारा बताए गए कारणों में गोपनीय दस्तावेज लीक और चुनावी धांधली और राजनीति से प्रेरित मामलों पर अमेरिकी संसद का प्रस्ताव शामिल है। इन मामलों में कोई दम नहीं है। पीएमएल-एन अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का नेतृत्व इमरान के चिर प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ कर रहे हैं। यह उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ नीत सत्तारूढ़ गठबंधन में बड़ा घटक दल है। इमरान की पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सीनेट सदस्य अली जफर ने कहा कि संघीय सरकार हताशा में आकर पार्टी को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर रही है। वह पिछले सप्ताह आए उच्चतम न्यायालय के उस महत्वपूर्ण फैसले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें कहा गया है कि इमरान खान की पार्टी राष्ट्रीय और चार प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के लिए पात्र है। यदि ये सीटें आवंटित कर दी जाती हैं तो खान की पार्टी नेशनल असेंबली में 109 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी हो जाएगी।