दुनिया में पाकिस्तान की फिर किरकिरी: ‘झूठे प्रोपेगैंडा से तथ्य नहीं बदल जाते’, UN में दहाड़े सुधांशु त्रिवेदी

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न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में एक बार फिर पाकिस्तान को जबरदस्त फटकार लगाई है। हालांकि, इस बार यह काम किसी प्रशासनिक अफसर या राजनयिक ने नहीं किया है। बल्कि इस बार यह जवाब दिया है राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने। त्रिवेदी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के झूठे प्रोपेगैंडा पर निशाना साधा और कहा कि अपनी इन हरकतों से पड़ोसी मुल्क तथ्य नहीं बदल सकता। यूएन महासभा में शांति अभियानों (पीसकीपिंग मिशन्स) को लेकर जारी चर्चा के बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत ने अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा, “पाकिस्तान एक बार फिर यूएन की इस संस्था को अपने एजेंडे से भटकाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। उन्होंने आगे कहा, “जम्मू कश्मीर के लोगों ने हाल ही में अपने लोकतांत्रिक और निर्वाचन के अधिकार का इस्तेमाल किया है और नई सरकार चुनी है। पाकिस्तान को अपनी झूठी बातों से बचना चाहिए क्योंकि इससे तथ्य नहीं बदल जाएंगे।” उन्होंने कहा कि यूएन के इस फोरम के अगस्त के सदस्यों के सम्मान में अब पाकिस्तान की तरफ से यूएन के नियमों के उल्लंघन पर भारत प्रतिक्रिया नहीं देगा।

राज्यसभा सांसद ने सोशल मीडिया पोस्ट में भी लगाई लताड़
त्रिवेदी ने बाद में एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि शांति रक्षा अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा विषय पर बोलते हुए ‘‘विषय को भटकाने की कोशिश की और बेवजह इसका जिक्र किया।

 

यूएन के लिए भेजे गए 12 सांसदों के दल का हिस्सा हैं त्रिवेदी
राज्यसभा सांसद त्रिवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यह लोकतांत्रिक बदलाव सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत विदेश नीति की वजह से संभव हुआ है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सख्त और स्वीकार्य छवि दिखाता है। सुधांशु त्रिवेदी उन 12 सांसदों की टीम का हिस्सा हैं, जो यूएन में अलग-अलग मुद्दों पर बैठकों में हिस्सा ले रही है। इससे पहले, शांति रक्षा अभियानों की विस्तृत समीक्षा पर त्रिवेदी ने कहा कि हालिया संघर्ष ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं और अब इसमें आतंकवाद और सशस्त्र समूह भी शामिल हैं, जो अपने मकसदों को पूरा करने के लिए स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में सबसे बड़े सैन्य दल के के रूप में शांतिरक्षा प्रयासों में योगदान देने के प्रयास में सबसे आगे है।’

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