वारंगल। ट्रेन में सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। कब कहां क्या हो जाए कोई नहीं जानता। केरल के एक बुजुर्ग के साथ जो हादसा हुआ है वो डराने वाला है। इनके ऊपर ट्रेन की अपर बर्थ गिरी जिसके कारण वे गंभीर रुप से घायल हो गए। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया,जहां उनकी मौत हो गई। इस हादसे पर रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि सीट में कोई खराबी नहीं थी,जंजीर को गलत तरीके से लगाने के कारण हादसा हुआ है।
दक्षिण रेलवे ने बुधवार को मिलेनियम एक्सप्रेस में सवार यात्री की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और साफ किया कि ट्रेन के डिब्बे के बीच वाली बर्थ की स्थिति अच्छी थी। जीआरपी के मुताबिक 16 जून को केरल निवासी अली खान सी.के. अपने दोस्त के साथ ट्रेन संख्या 12645 एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन मिलेनियम सुपरफास्ट एक्सप्रेस के स्लीपर कोच की निचली बर्थ से सवार होकर आगरा जा रहे थे। जीआरपी के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के तेलंगाना के वारंगल जिले से गुजरते समय घटना हुई। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग की गर्दन में चोट आई थी और उन्हें पहले रामागुंडम के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उन्हें हैदराबाद के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। 24 जून को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इस संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है।
रेल मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि संबंधित यात्री एस-6 कोच की सीट नंबर 57 (निचली बर्थ) पर यात्रा कर रहा था। पोस्ट में लिखा था, एक यात्री द्वारा ऊपरी बर्थ की सीट पर चेन ठीक से नहीं लगाए जाने के कारण सीट नीचे गिर गई। पोस्ट में कहा गया, यह स्पष्ट किया जाता है कि सीट क्षतिग्रस्त हालत में नहीं थी, न ही वह गिरी थी और न ही दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। निजामुद्दीन स्टेशन पर सीट की जांच की गई और वह ठीक पाई गई।दक्षिणी रेलवे ने इस घटना पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि बीच का बर्थ जो खुली हुई हालत में था या फिर क्षतिग्रस्त स्थिति में था, जो कि निराधार हैं। स्पष्ट किया जाता है कि संबंधित यात्री द्वारा बीच के बर्थ को ऊपरी बर्थ के साथ सही तरीके से नहीं जोड़ने के कारण बीच का बर्थ अचानक से खुल गया था।