विधानसभा चुनाव पूर्व मेट्रो कॉरिडोर मंजूर कर दिल्ली वासियों को रिझाया

रिठाला से कुंडली तक करीब सवा लाख यात्रियों का सफर होगा आसान

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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने रिठाला से कुंडली तक 26.463 किमी लंबे मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह परियोजना दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले लाई गई है, समझा जा रहा है कि सरकार इससे दिल्ली वासियों को रिझाने का काम कर रही है। कॉरिडोर निर्माण मेट्रो के फेज-4 के तहत किया जाएगा, जिसके पूरा होने में चार साल लगेंगे।
गौरतलब है कि बाहरी दिल्ली और हरियाणा के निवासियों के लिए मेट्रो का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना रहा है, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी के साथ साकार करने में पहला कदम आगे बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि कॉरिडोर का अधिकांश हिस्सा दिल्ली में होगा, जहां 19 नए स्टेशन बनाए जाएंगे। हरियाणा में केवल 2.726 किमी लंबा हिस्सा होगा, जिसमें कुंडली और नाथूपुर के दो स्टेशन शामिल हैं। इस परियोजना पर कुल 6,230.99 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके निर्माण से रिठाला से बवाना, नरेला होते हुए हरियाणा के कुंडली तक की यात्रा सुगम हो जाएगी। जानकारी अनुसार दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन को रिठाला से आगे बढ़ाकर इस नए मार्ग से जोड़ा जाएगा, जिससे रेड लाइन की कुल लंबाई करीब 60 किमी और स्टेशनों की संख्या 50 हो जाएगी।

हरियाणा-दिल्ली को जोड़ने वाला मेट्रो कॉरिडोर
यह चौथा ऐसा मेट्रो कॉरिडोर होगा, जो हरियाणा और दिल्ली को आपस में जोड़ेगा। पहले से येलो लाइन (गुरुग्राम), ग्रीन लाइन (बहादुरगढ़), और वायलेट लाइन (बल्लभगढ़) हरियाणा से जुड़ी हुई हैं। पूरा रिठाला-कुंडली कॉरिडोर एलिवेटेड होगा और इसके रखरखाव के लिए सनौठ गांव के पास एक नया डिपो बनाया जाएगा।

सवा लाख से ज्यादा यात्री करेंगे सफर
डीपीआर के अनुसार, इस रूट पर रोजाना करीब 1.26 लाख यात्री सफर करेंगे। परियोजना की योजना में लागत को कम करने के लिए लाइट मेट्रो चलाने पर विचार हुआ था, लेकिन अंततः पूरी तरह से एलिवेटेड लाइन बनाने का निर्णय लिया गया। यह नया कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो को यूपी और हरियाणा दोनों से जोड़ने वाला पहला सिंगल कॉरिडोर होगा, जिससे दिल्ली और हरियाणा के बीच यातायात और कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।

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