Jabalpur : पीछे लिखा पुलिस, आगे लगा भाजपा का झंडा…क्या इनको मिल गया कार में काली फिल्म लगाने का फंडा
जबलपुर । शहर में इन दिनों टै्रफिक व्यवस्था चरमराई हुई नजर आ रही है। कहीं आए दिन जाम को कहीं आए दिन दर्दनाक हादसे देखने को मिल रहें है। नवागत एसपी सम्पत उपाध्याय के निर्देश पर शहर में जगह-जगह पुलिस चैकिंग लगाई जा रही है। जिसमें मुख्यत: ऐसे लोगों को पकड़ा जा रहा है, जो शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए नजर आ रहे है। पुलिस द्वारा लगाई जा रही इस चैकिंग का मकसद हादसों में कमी लाना और अपराधिक गतिविधियों को कम करना है। परंतु शहर में अभी कुछ लोग ऐसे है जो अपनी गाडिय़ों पुलिस या फिर किसी पार्टी का झंडा लगाकर अपनी मनमानी करते हुए नजर आ जाते हैं। अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर क्यों ऐसी गाडिय़ों पर पुलिस की नजर नहीं जाती है।
नहीं लगी कोई नंबर प्लेट
हाल ही उखरी रोड़ क्षेत्र में एक ऐसी कार देखी गई, जिसके पीछे तो बड़े-बड़े अक्षरों में पुलिस लिखा हुआ था। वहीं कार के आगे की बात तो वहां पर भाजपा पार्टी का झंडा लगा हुआ था। कार के चारों शीशों पर ब्लैक फिल्म चढ़ाई गई हुई थी। कार के आगे पीछे कहीं पर भी नंबर प्लेट नहीं थी। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भरे बाजार में दिनदहाड़ें इस कार की स्पीड 70 से 80 किलोमीटर की थी। अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस लिखवाने से या फिर किसी पार्टी का झंडा लगा लेने से पुलिस की कार्यवाही बचा जा सकता है। या फिर आम इंसानों के लिए ही ऐसी कार्यवाहियां बनाई गई हैं।
आखिर क्यों प्रतिबंधित है कारों में ब्लैक फिल्म
दरअसल कार के शीशों पर ब्लैक फि़ल्म लगाना ट्रैफि़क नियमों के खिलाफ है जिसके लिए पुलिस कार्रवाई करती है। जानकारी के मुताबिक कार के शीशों पर ब्लैक फि़ल्म लगाने से जनता की सुरक्षा को खतरा होता है। ब्लैक फि़ल्म लगी कारों में बैठे लोगों की पहचान करना मुश्किल होता है। अपराधी, कार के शीशों पर ब्लैक फि़ल्म लगाकर अपराध करते हैं। कार के शीशों पर ब्लैक फि़ल्म लगाने से कम दृश्यता होती है । सुप्रीम कोर्ट लगा चुका रोक
साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कारों के शीशों पर ब्लैक फि़ल्म लगाने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद, साल 2021 में केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कार के आगे और पीछे के शीशों पर 70 फ़ीसदी पारदर्शिता होनी चाहिए। वहीं कार के किनारों के शीशों पर 50 फ़ीसदी पारदर्शिता होनी चाहिए। अगर कार के शीशों की विजि़बिलिटी कम होती है, तो भारी जुर्माना लग सकता है।