दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर- पराली जलाना और निर्माण है बड़ी वजह

दिल्ली एनसीआर की वायु प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर होती जा रही है। प्रदूषण का स्तर 400 से बढ़कर 500 AQI तक पहुंच चुका है जो की बेहद चिंताजनक है। वायु प्रदूषण के मद्देनजर शिक्षा संस्थानों (स्कूल) को दो दिनों के लिए बंद रखा गया है।

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दिल्ली. दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। 3 नवंबर को प्रदूषण का स्तर 400 के खतरे के निशान को पार करते हुए 500 AQI तक पहुंचा।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, आनंद विहार स्टेशन, पंजाबी बाग स्टेशन, मुंडका स्टेशन में प्रदूषण की स्थिति “गंभीर” AQI जो की 400 के ऊपर होता है, को पार कर गई।

इस स्थिति के कारण कल शाम राजधानी में गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया और प्राथमिक विद्यालय बंद कर दिये गये। हालात को देखते हुए दिल्ली और उसके आसपास चलने वाले डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सरकारी एजेंसियों ने आगे चेतावनी दी है कि तापमान और हवा की गति में अपेक्षित गिरावट के साथ-साथ खेत की आग में वृद्धि के कारण अगले 15-20 दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खराब हो सकता है। गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के आसमान पर धुंआ छाया रहा और उम्मीद है कि यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। विभिन्न स्थानों पर PM2.5 की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से 7 से 8 गुना अधिक हो गई, जिससे सांस लेने में परेशानी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार, 2 नवंबर को दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं की हिस्सेदारी 25% थी और आज यह 35% तक पहुंच सकती है।

 

 

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ तत्काल बैठक बुलाई है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता सांस लेने के लिए खतरनाक हो गई है। बैठक संभवत: शाम छह बजे निर्धारित है।

 

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