राष्ट्रपति मुर्मू ने नर्सिंग पेशेवरों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार दिए

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और 1 लाख की पुरस्कार राशि मिलती है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति मुर्मू का आभार जताया। दरअसल राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्कृष्ट नर्सिंग कर्मियों द्वारा प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए की है।
प्रेस रिलीज के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मु ने बुधवार को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार 15 विशिष्ट नर्सों और एएनएम (एएनएम) को प्रदान किए हैं। इन नर्स और मिडवाइव्स का राष्ट्र के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने एक्स’ पर फोटो साझा कर कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए समर्पित नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2024 प्रदान करने के लिए धन्यवाद। यह सम्मान आपको सार्वजनिक सेवा में सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कर्मियों के अथक प्रयास अनगिनत लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारी नर्सें वास्तव में हमारे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की रीढ़ हैं। आपके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद।
बता दें फ्लोरेंस नाइटिंगेल को व्यापक रूप से आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक माना जाता है। उनका जन्म 12 मई, 1820 को फ्लोरेंस, इटली में हुआ था नर्सिंग क्षेत्र में उनके योगदान के सम्मान में, उनके जन्मदिन के दिन 12 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। नाइटिंगेल ने सैन्य अस्पतालों में स्वच्छता और सफाई को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किए, जिससे घायल सैनिकों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई। उन्होंने स्वच्छता, उचित पोषण और दयालु देखभाल के महत्व पर जोर दिया, जिससे नर्सिंग अभ्यास के लिए नए मानक स्थापित हुए।

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