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भोपाल । ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर परिजनों द्वारा बिल भुगतान के अभाव पर अस्पतालों द्वारा मरीज का शव उन्हें सौंपा नहीं जाता था। इन्ही सब बातों में को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा स्वास्थ्य आयुक्त को शवों की गरिमा रखने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। जिसके चलते मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे ने मप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन को गाइडलाइन जारी की है, जो कि इस प्रकार है।
1- नई गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि निजी अस्पताल में मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है तो परिजनों द्वारा शव प्राप्त न करने तक तक की स्थिति में उसे गरिमा एवं आवश्यकता के अनुसार डीप फ्रीजर में रखा जाएगा ।
2- इसके अलावा लावारिस शवों के संबंध में तुरंत निकटस्थ थाना प्रभारी को देते हुए शव की प्राप्ति तक शव को डीप फ्रीजर में रखा जाए।
3- इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर निजी अस्पतालों को स्थानीय नगरीय निकाय से ताल मेल कर मृतक का शव निशुल्क माध्यम से एंबुलेंस के द्वारा पहुंचना होगा।
4- आखिर में सबसे महत्वपूर्ण निर्देश में बताया गया है कि अगर किसी निजी अस्पताल द्वारा भुगतान के अभाव पर मृतक का शव परिजनों को नहीं सौंपा जाता या बंधक बनाया जाता है तो संबंधित निजी अस्पताल के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।