35 दवाओं के उत्पादन और बिक्री पर लगी रोक, लोगों की सेहत पर पड़ रहे गलत प्रभाव के बाद सरकार का फैसला

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नई दिल्ली। सरकार ने निश्चित खुराक संयोजन (एफडीसी) वाली 35 दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है। बिना अनुमति बिक रहीं इन दवाओं का लोगों के सेहत पर गलत प्रभाव पड़ने के मामले सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है। इसे लेकर शीर्ष औषधि नियामक संस्था (सीडीएससीओ) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को पत्र लिखकर गैर-अनुमोदित 35 निश्चित खुराक संयोजन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसमें दर्द निवारक, पोषण संबंधी और मधुमेह रोधी दवाएं शामिल हैं। सीडीएससीओ ने सभी औषधि नियंत्रकों से कहा है वह निश्चित खुराक संयोजन दवाओं (एफडीसी) को लाइसेंस देने की प्रक्रिया की समीक्षा करें। साथ ही औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमों के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन कराएं। एफडीसी दवाएं वे होती हैं जिनमें एक निश्चित अनुपात में दो या अधिक सक्रिय फार्मास्युटिकल सॉल्ट होते हैं। पिछले दिनों शीर्ष औषधि नियामक को पता चला कि  कुछ एफडीसी दवाओं को सुरक्षा और प्रभावकारिता के मूल्यांकन के बिना उत्पादन, बिक्री और वितरण के लिए लाइसेंस दे दिया गया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
औषधि नियंत्रकों को भेजे गए पत्र में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ. राजीव रघुवंशी ने बिना अनुमति एफडीसी दवाओं के उत्पादन और बिक्री पर चिंता जताई। उन्होंने 2013 में जारी किए गए पत्र का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों को कई पत्र जारी किए गए हैं, जिन्होंने गैर-अनुमोदित एफडीसी के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी है। फरवरी 2025 में जारी पत्र में भी कहा गया कि निदेशालय के संज्ञान में आया है कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत सुरक्षा और प्रभावकारिता के पूर्व मूल्यांकन के बिना कुछ एफडीसी दवाओं को विनिर्माण, बिक्री और वितरण के लिए लाइसेंस दिया गया है। इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को गंभीर खतरा है। ऐसी दवाओं को मंजूरी देने से रोगी सुरक्षा से समझौता होता है। वैज्ञानिक सत्यापन न होने से प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया, दवा पारस्परिक क्रिया और अन्य स्वास्थ्य संबंधी खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
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