सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर ने दिलाई लोकसभा सदस्यता की शपथ

18वीं लोकसभा के पहले दिन ही हंगामा, विपक्ष ने निकाला मार्च

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नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहला सत्र के पहले दिन आज सोमवार को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देने के बाद सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी को लोकसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई। पीएम मोदी के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फिर गृह मंत्री अमित शाह ने शपथ ली। उसके बाद अन्य नवनिर्वाचित सांसदों और मंत्रियों ने लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली।
लोकसभा सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया पर विपक्ष ने जिस तरह अपनी ताकत का प्रदर्शन किया उससे साफ हो गया है कि सरकार को कई मुद्दों पर घेरने विपक्षी दल पूरी तैयार में हैं। बता दें कि लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
इससे पहले पीएम मोदी ने संसद परिसर में अपने संबोधन के दौरान एक भारत श्रेष्ठ भारत की अनोखी तस्वीर प्रस्तुत की। जब पीएम मोदी पत्रकारों को संबोधित करने पहुंचे तो उनके साथ उत्तर से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दक्षिण से सांसद और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन, पश्चिम से सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और उत्तर-पूर्व से सांसद और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू मौजूद थे। पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता विपक्ष से संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है ना कि नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान डालने की।
पीएम ने कहा कि देश को एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की जरुरत है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों से इस सत्र का इस्तेमाल जनहित में करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे जनहित के लिए इस अवसर का उपयोग करें और जनहित में हर संभव कदम उठाएं।
पीएम ने कहा कि देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक जो निराशा मिली है…इस 18वीं लोकसभा में देश का सामान्य नागरिक विपक्ष से अपेक्षा करता है कि वह जिम्मेवार विपक्ष के नाते अपनी भूमिका का निर्वाह करे, लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की देश उनसे अपेक्षा करता है…उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि विपक्ष उसमें खरा उतरेगा। पीएम ने कहा कि आम जन अपेक्षा करती है कि बहस सदन में ही हो।
उन्होंने कहा इस 18वीं लोकसभा में हमारे जो सांसद जीत कर आए हैं वह सामान्य जन की अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करना हम सबका दायित्व है कि हम मिलकर के उस दायित्व को निभाएं और जनता का विश्वास और मजबूत करें। लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संविधान के निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने के लिए देश की जनता ने एनडीए को लगातार तीसरी बार मौका दिया है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महान और भव्य विजय है और तब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है। हमें तीसरी बार मौका दिया है…दो बार सरकार चलाने का अनुभव हमारे साथ जुड़ा है। मैं देशवासियों को यकीन दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे। हम परिणामों को भी तीन गुना लाकर के रहेंगे। इस संकल्प के साथ हम इस नए कार्यभार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दिन ही विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लोकसभा सदस्य संसद परिसर में जमा हुए और एक साथ सदन की ओर मार्च किया। विपक्षी गठबंधन के सांसद पुराने संसद भवन के गेट नंबर 2 के पास जमा हुए, जहां कभी गांधी प्रतिमा हुआ करती थी। मार्च निकाल रहे नेताओं ने कहा कि हम इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की है, वह संविधान के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। वहीं सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों पर कहा है कि मैंने सभी नेताओं से मुलाकात की है…सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारतीय संसद के इतिहास में प्रोटेम स्पीकर कभी मुद्दा नहीं रहा और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति मूलरूप से नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और नए अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने के लिए होती है।
बता दें कि 18वीं लोकसभा के पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र गुरुवार से शुरू होगा। संसद का यह सत्र तीन जुलाई तक प्रस्तावित है।

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