पत्र में आगे लिखा गया है कि देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति और अकादमिक नेताओं के चयन प्रक्रिया के संबंध में हाल ही में दिए गए आधारहीन आरोपों का खंडन किया जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और कार्यालय को बदनाम किया है। इसलिए यह मांग की जाती है कि कानून के अनुसार उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने अपने बयानों में हाल ही में कहा था कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को ताक पर रख कर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है। राहुल गांधी के इस बयान का विरोध करते हुए कई कुलपतियों और शिक्षाविदों ने विश्वविद्यालय प्रमुखों की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बताया है।