ट्रैक पर ब्लैकस्पॉट चिह्नित करेगा रेलवे, 3200 ग्रामीणों को बनाया गया ट्रैकमित्र

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लखनऊ। सड़क की तरह रेलवे ट्रैक पर भी ब्लैकस्पॉट चिह्नित कर हादसे व पथराव की घटनाएं रोकी जाएंगी। इसके लिए रेलवे ब्लूप्रिंट तैयार करेगा। उत्तर, पूर्वोत्तर व उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन ने काम भी शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, 32 सौ से अधिक ग्रामीणों को ट्रैकमित्र बनाकर पटरियों की सुरक्षा को पुख्ता किया गया है। ट्रेनों के बेपटरी होने, ट्रैक पर आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए और ट्रेनों पर पथराव के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे प्रशासन सख्त हो गया है। हालांकि रेलवे का पूरा फोकस सुरक्षा पर है। यही वजह है कि सुरक्षा के मद में डेढ़ लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसी क्रम में अब पटरियों, ट्रेनों व यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए ब्लैकस्पॉट चिह्नित किए जा रहे हैं। इससे उन जगहों का डाटा तैयार हो जाएगा, जहां हादसे हो रहे हैं या पथराव किया जा रहा है। डाटा तैयार हो जाने पर रेलवे को ब्लूप्रिंट तैयार करने में मदद मिलेगी। इससे हादसे की वजहों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। पूर्वोत्तर रेलवे के आरपीएफ कमांडेंट चंद्रमोहन मिश्र ने बताया कि पथराव की घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैक के आसपास स्थित गांवों में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। यह काम उत्तर रेलवे प्रशासन भी करता है। ग्रामीणों को ट्रैकमित्र बनाया जा रहा है, ये पथराव करने वाले शरारती तत्वों के बारे में सूचना देते हैं।

क्या हैं ब्लैकस्पॉट
रेलवे अधिकारियों के अनुसार ब्लैकस्पॉट ऐसी जगहें हैं, जहां सर्वाधिक हादसे हो रहे हैं या शरारती तत्व पथराव कर रहे हैं। इन्हें चिह्नित कर देखा जाएगा कि किन ट्रेनों पर पथराव की घटनाएं अधिक हो रही हैं।

27 बड़े हादसे हो चुके हैं प्रदेश में
वर्ष 2015 में रायबरेली के बछरावां में जनता एक्सप्रेस की दुर्घटना में 46 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2016 में कानपुर के पुखराया में भी बड़ा रेल हादसा हुआ था। इस तरह प्रदेश में अब तक 27 से अधिक बड़े रेल हादसे हो चुके हैं। इनमें क्रॉसिंग पर होने वाले हादसे भी शामिल हैं। जबकि छोटे-मोटे हादसों, यार्ड डिरेलमेंट मिलाकर इनकी संख्या 250 से अधिक है।

पथराव की हो चुकी हैं 170 घटनाएं
गोरखपुर-लखनऊ वंदेभारत एक्सप्रेस पर पांच बार पथराव हो चुका है। गोमतीनगर-पटना वंदेभारत पर हाल ही में पथराव हुआ है। पहले जहां पैसेंजर ट्रेनों पर होली जैसे त्यौहारों के आसपास पथराव की अधिक घटनाएं होती थीं, वहीं अब सेमी हाईस्पीड ट्रेनों से लेकर मेल-एक्सप्रेस तक इसकी शिकार हो रही हैं। लखनऊ जंक्शन से दिल्ली जाने वाली शताब्दी तक पर पथराव की घटनाएं होती रही हैं। अधिकारियों के अनुसार यूपी में 170 से अधिक ट्रेनों पर पथराव की घटनाएं हो चुकी हैं।

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