सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी। कोर्ट ने शुक्रवार को सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत दे दी। कोर्ट ने सोरेन की जमानत याचिका पर अपना फैसला 13 जून को सुरक्षित रख लिया था। सोरेन के वरिष्ठ वकील अरुणाभ चौधरी ने बताया कि सोरेन को जमानत दे दी गई है। आज कोर्ट के आदेश की कॉपी चली जाएगी कल वे बाहर आ सकते हैं। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, वह दोषी नहीं हैं और जमानत पर रिहा किए जाने दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोई अपराध किए जाने की कोई आशंका नहीं है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। सोरेन (48) वर्तमान में बिरसा मुंडा जेल में हैं। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील एस वी राजू ने दलील दी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी तरह का अपराध फिर करेंगे।
रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच