चंडीगढ़ हैंड ग्रेनेड हमले में खुलासा: पाकिस्तान-बांग्लादेश में बनने वाले एचजी-84 हैंड ग्रेनेड से हुआ था हमला

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चंडीगढ़। चंडीगढ़ सेक्टर 10 की कोठी नंबर-575 पर बुधवार शाम को किए गए हमले में नए खुलासे हुए हैं। इस मामले की जांच मुख्यतौर पर एनआईए कर रही है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि यह हमला एचजी-84 हैंड ग्रेनेड से किया गया था।
पाकिस्तान में बैठा है आतंकी रिंदा
एचजी-84 हैंड ग्रेनेड केवल पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश में ही बनते है। सूत्रों के मुताबिक अभी यह पता नहीं लग पाया है कि यह बम इन दोनों देशों में कहां बना है लेकिन जांच एजेंसियां इसे पाकिस्तान से जोड़कर देख रही है क्योंकि आतंकी हरविंद्र सिंह रिंदा लंबे समय से पाकिस्तान में ही सैटल है।
उच्च विस्फोटक होता है एचजी-84 ग्रेनेड

आर्गेस टाइप एचजी-84 ऑस्ट्रियाई मूल का एंटी-पर्सनल फ़्रेगमेंटेशन हैंड ग्रेनेड है। इसे बांग्लादेश ऑर्डनेंस फैक्टरीज द्वारा आर्गेस 84 बीडी और पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्टरीज द्वारा आर्गेस 84 पी2ए1 के तहत बनाया जाता है। हालांकि घटनास्थल पर मिले बम के छोटे-छोटे कणों को जांच के लिए सीएफएसएल में भेज दिया गया है। आर्गेस टाइप एचजी 84 एक उच्च-विस्फोटक ग्रेनेड है जो 20 मीटर के घातक दायरे में उसके अंदर डली स्टील की छोटी-छोटी गोलियों को बिखेरता है। आर्गेस ग्रेनेड का इस्तेमाल कई आतंकवादी हमलों में किया गया है, जिसमें 2008 का मुंबई हमला और 2001 में भारतीय संसद पर हमला शामिल है।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी
हैंड ग्रेनेड बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) ग्रुप ने ली है। उन्होंने एक पोस्टर जारी करते हुए कहा कि 1986 में पंजाब के नकोदर में मारे गए सिख शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एसपी जसकीरत सिंह चहल व उसके गनमैन को मार दिया गया है। इस हमले में जसकीरत व परिवार को मारने की साजिश थी। बीकेआई द्वारा सोशल मीडिया में यह पोस्ट वायरल की गई है। पुलिस, एनआईए व आईबी सहित अन्य जांच एजेंसियां द्वारा लगातार पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में कई जगहों पर दबिश दे रही है। वहीं, मामले की जांच भी एनआईए को दे दी गई है।
ऑटो में बैठकर आए थे आरोपी 
बुधवार शाम को 6:03 मिनट पर ऑटो में बैठकर आए दो अज्ञात युवकों ने कोठी नंबर-575 में हैंड ग्रेनेड बम फैंककर धमाका किया था। इस धमाके की गूंज पूरे सेक्टर में आधा किलोमीटर से भी दूर तक सुनाई दी थी। यह कोठी रिटायर्ड प्रिंसिपल गोपेश मल्होत्रा की है जिनका बेटा व बेटी लंबे समय से विदेश में सेटल है। इसी कोठी में कुछ साल पहले तक पहले फ्लोर पर पंजाब के पूर्व एसपी जसकीरत सिंह चहल अपने परिवार के साथ रहा करते थे। पंजाब में आतंकी दौर के दौरान वह काफी एक्टिव थे और आतंकियों को मौत के घाट उतारने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी दौरान पंजाब में उनके घर को भी आग लगा दी गई थी और उन्हें रिटायरमेंट के बाद सिक्योरिटी भी मिली थी। लेकिन वर्ष 2017 में पंजाब सरकार ने उनकी सिक्योरिटी हटा दी थी। जसकीरत सिंह इसी कोठी में किराए पर रहते थे और इसी के चलते इस कोठी पर हमला हुआ है।
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