संभल हिंसा: जामा मस्जिद कमेटी के सदर की जमानत याचिका खारिज, अब दो अप्रैल को होगी सुनवाई

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चंदाैसी। संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। मामले में अब दो अप्रैल को सुनवाई होगी। सरकारी वकील ने बताया कि अभियुक्त की ओर से अंतरिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी। जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया। संभल बवाल में गलत बयानबाजी करने के आरोप में पुलिस ने रविवार को उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें अदालत के आदेश पर मुरादाबाद जेल भेज दिया गया था।

 

अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन 

जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के विरोध में कोर्ट परिसर में जिला बार एसोसिएशन, सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन, टैक्स बार एसोसिएशन व तहसील बार एसोसिएशन की बैठक हुई। इसके बाद सभी वकीलों ने विरोध प्रदर्शन कर सदर की गिरफ्तारी को गलत बताया। कहा कि पुलिस मनमानी कर रही है।

अधिवक्ता अब्दुल रहमान ने कहा कि एडवोकेट जफर अली की गिरफ्तारी असंवैधानिक है। जफर अली के जेल जाने के बाद उनके परिवार को मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह मानवाधिकारों का हनन है। प्रशासन की निंदा करते हुए कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए जांच अधिकारी व अन्य पुलिस अधिकारियों का जनपद से स्थानांतरण होना चाहिए।
निष्पक्ष एजेंसी से पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग की। बैठक के बाद अधिवक्ताओं ने मुंसिफ कोर्ट परिसर में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन करते हुए उनकी गिरफ्तारी को गलत बताया। कहा कि जफर अली के पक्ष ने प्रदेश के कई बार एसोसिएशन का समर्थन मिला है। इस दौरान कई अधिवक्ता मौजूद रहे।

 

जेल अफसर बोले- जान को खतरा संबंधी आरोप गलत

जेल में बंद सदर जफर अली ने जान से खतरा संबंधी प्रार्थनापत्र जेल प्रशासन को नहीं दिया है। उनके परिजनों ने भी मुलाकात के लिए कोई आवेदन नहीं किया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि जफर अली को जेल नियमावली के अनुसार सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि परिजनों ने जेल प्रशासन से मुलाकात के लिए कोई आवेदन नहीं किया। नियमानुसार मुलाकात करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन सुबह 11 बजे तक आवेदन देना पड़ता है। यदि आवेदन मिलेगा तो नियमानुसार मुलाकात कराई जाएगी।

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