मोरक्‍को के लाराचे में समुद्र तट पर वैज्ञानिकों को मिले 90 हजार साल पुराने इंसानों के पैरों के निशान

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वाशिंगटन। इंसानों की उम्र कितनी होगी? उनके पूर्वज असल में थे कौन? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। इसी बीच जब कोई नई चीज सामने आती है, तब हम चक‍ित हो जाते हैं। आपको याद होगा क‍ि अक्‍तूबर में अमेरिकी वैज्ञान‍िकों ने दावा किया था कि न्‍यू मैक्‍स‍िको में उन्‍हें सबसे पुराने इंसानी पैरों के निशान मिले हैं। कहा गया क‍ि ये निशान 23,000 से 21,000 साल पुराने हैं। लेकिन अब इससे भी बड़ी खबर सामने आई है। मोरक्‍को के लाराचे में समुद्र तट पर घूम रहे वैज्ञा‍न‍िकों को उससे भी बड़े-बड़े पैरों ने निशान मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी विश्वविद्यालय के वैज्ञा‍न‍िकों की एक टीम लाराचे में समुद्र तट पर टहल रही थी। तभी उन्‍हें ये निशान दिखाई दिए। जब इसकी जांच की गई तब पता चला क‍ि ये इंसानी पैरों के न‍िशान हैं। इनकी उम्र 90 हजार साल से भी ज्‍यादा है। यह जानने के बाद वैज्ञान‍िक हैरान रह गए। क्‍योंकि अब तक इतने बड़े और इतने पुराने इंसानी पैरों के न‍िशान के सबूत नहीं मिले हैं। शोध टीम का नेतृत्‍व करने वाले साइंटिस्‍ट मौंसेफ सेड्राती ने कहा, यह खोज साबित करती है कि होमो सेपियंस हजारों साल पहले ढलान वाले समुद्र तट पर चले थे। हमें ये न‍िशान उस वक्‍त मिले जब समुद्र में ज्‍वार कम था और हमारी टीम काफी नीचे तक चली गई थी। सेड्राती ने कहा,पहला प्रिंट पाकर हम आश्चर्यचकित रह गए। पहले हमें यकीन नहीं हुआ कि यह एक पदचिह्न है, लेकिन फिर हमें ट्रैकवे का और भी हिस्सा मिला। पैरों के निशान क‍ितने पुराने हैं, इसकी जांच के ल‍िए हमने ल्यूमिनसेंस डेटिंग का उपयोग क‍िया। मतलब यह है कि ये इंसान काफी पहले से धरती पर रहते थे और हमारी तरह चला फ‍िरा करते थे। नए अध्ययन के मुताबिक, कुल 85 पैरों के न‍िशान हैं और ऐसा लग रहा क‍ि जैसे 5 लोग एक साथ चले हों। क्‍योंकि ये पांच ट्रेल बना रहे हैं। इनमें बच्‍चे, क‍िशोर और वयस्‍क शामिल हैं। उम्र निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने ऑप्टिकली स्टिम्युलेटेड ल्यूमिनसेंस डेटिंग का इस्तेमाल किया। यह एक ऐसी तकनीक है जो निर्धारित करती है कि किसी कलाकृति पर या उसके आसपास के विशिष्ट खनिज आखिरी बार गर्मी या सूरज की रोशनी के संपर्क में कब आए थे।

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