शहर में लगे SDM के पोस्टर: लिखा हैं-गोरखपुर तहसील भ्रष्टाचारियों का अड्डा

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जबलपुर। शहर के गोरखपुर इलाके में इन दिनों लगे पोस्टर सुर्खियों का विषय बने हुए हैं। यहां कि दीवारों पर जो पोस्टर लगे हुए हैं, वह एसडीएम के हैं, जिन्हें देखते ही लोग रुककर पढ़ रहें हैं। पोस्टर में गोरखपुर एसडीएम के बारे में जो लिखा हैं, वह हर कोई पढ़ रहा हैं। पोस्टर पर एसडीएम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं, उनका कहना है कि बीते कई दिनों से कुछ शरारती तत्व इस तरह के पोस्टर लगा रहें हैं। एसडीएम ने गोरखपुर थाने में इस मामले की शिकायत की हैं। गोरखपुर क्षेत्र में लगे पोस्टर में ऊपर एक फोटो लगाई है जिसमें टेबल के नीचे से पैसा लेते हुए एक दृश्य दिखाई दे रहा है। पोस्टर मैं लिखा हुआ है कि…रिश्वतखोर/चोर, गोरखपुर तहसील बनी हुई हैं भ्रष्टाचार का अड्डा, इसके अलावा वही पोस्टर में करप्शन में नंबर वन का टैग भी लगा हुआ है। रंगीन पोस्टर गोरखपुर के कई इलाकों में लोगों ने लगे देखा। हालांकि आम आदमी इस विषय में कुछ भी बयान देने से बच रहे हैं। एसडीएम के नाम से पोस्टर किन लोगों ने लगाए हैं, उनके नाम स्पष्ट नहीं है, लेकिन पोस्टर के नीचे सौजन्य से प्रताड़ित जन मानस लिखा हुआ है ।

 

एसडीएम से लेकर तहसीलदार में चर्चाएं शुरू

इन पोस्‍टर में गोरखपुर तहसील कार्यालय को भ्रष्‍टाचारियों का अडडा बताया गया हैा इन पोस्‍टर के सामने आने के बाद जबलपुर जिले के एसडीएम से लेकर तहसीलदार में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना ने बताया कि एसडीएम को लेकर कोई शिकायत या मामला है, जो इस संबंध में दस्‍तावेज पेश करें, उनकी जांच की जाएगी, लेकिन इस तरह से पोस्‍टर लगाकर किसी व्‍यक्ति और अधिकारी के बारे में यह लिखना, उनकी छवि धूमिल करना हैा मैं इस संबंध में सभी पहलूओं को देखा रहा हू, इसकी जांच भी करवाउंगा।

 

तहसील में हर काम का दाम
यह पोस्‍टर सामने आने के बाद एक बार फ‍िर गोरखपुर तहसील सुर्खियोंं में है। शहर का बडा रहवासी एरिया से लेकर नर्मदा घाट का अधिकांश भाग इस तहसील की सीमा में आता है। इस वजह से जमीन और इससे जुडे विवादों को लेकर तहसील के अधिकारी और कर्मचारियों पर पहले भी आरोप लगते रहे हैंं, लोकायुक्‍त ने भी यहां के कर्मचारियों को रिश्‍वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था, अब तक पोस्‍टर के माध्‍यम से आरोप लगे हैं तो तहसील का कार्यशैली सामने आ गई है। बताया जाता है कि यह पोस्‍टर किसी आवेदन ने यहां के व्‍यवस्‍था से परेशान होकर लगाए थे, हालांकि इसका नाम अब तक सामने नहीं आया है।

 

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