Aziz Qureshi Death: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीज कुरैशी का निधन, तीन बड़े राज्यों के रह चुके हैं राज्यपाल
24 अप्रैल 1940 को जन्मे डॉ. अजीज कुरैशी की शिक्षा उत्तर आगरा और भोपाल में हुई। अपनी सियासी पारी में उन्होंने मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी तीखे तेवरों के साथ मौजूदगी दिखाई। कांग्रेस के खाते से उत्तराखंड के राज्यपाल बनाए गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश और मिजोरम में भी अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ इस पद पर सेवाएं दीं। वे सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी वे जुड़े रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जमाने में कांग्रेस से जुड़े और उनके करीबी रहे डॉ. कुरैशी पार्टी के विभिन्न पदों पर भी रहे। मुखर वाणी और अधिकारों के लिए अड़ जाने वाले कुरैशी अपने अंतिम दिनों तक भी आवाज उठाते रहे हैं।
मुखरता से खास पहचान
डॉ. अजीज कुरैशी अपनी बेबाकी और मुखरता के चलते सियासत में खास पहचान रखते थे। कई मुद्दों पर वे अक्सर अपनी पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व से भी भिड़ जाया करते थे। राज्यपाल पद से निवृत्त होने के बाद डॉ अजीज कुरैशी ने कई बार पार्टी की उन व्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज बुलंद की, जिसमें मुस्लिम सियासत को दरकिनार किया जाता दिखाई दे रहा था। संगठन में मुस्लिम नेतृत्व से लेकर पार्टी के पोस्टर बैनरों से मुस्लिम नेताओं के फोटो हटाए जाने पर भी उन्होंने विरोध के स्वर उठाए थे।
बीमारी में भी रहे सक्रिय
83 साल की उम्र पर पहुंच चुके डॉ अजीज कुरैशी लंबे समय से बीमार थे। मोटापे और कई बीमारियों के चलते उन्हें चलने फिरने में दिक्कतें आती थीं। बावजूद इसके वे सियासत और सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी सक्रियता बनाए रखते थे। राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में उनके समर्थकों द्वारा किया जाने वाला सालाना मुशायरा भी एक खास पहचान रखता है। डॉ. अजीज कुरैशी ने अपने जीवनकाल में शादी नहीं की थी। इस वजह से उनकी सियासी विरासत संभालने वाला कोई नहीं है। उनके इंतकाल के बाद प्रदेश की मुस्लिम सियासत में एक बड़ी रिक्तता महसूस की जा रही है।