सात दिनी रुद्राक्ष महोत्सव-शिवमहापुराण कथा कल से, लाखों भक्तों संग कई वीआईपी भी होंगे शामिल

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सीहोर। सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण गुरुवार से शुरू होगा। शहर के इंदौर-भोपाल मार्ग पर वाहनों के द्वारा हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। समय से पहले ही पूरा परिसर खचाखच भरा गया है। वहीं कथा सुनने कई साधु-संतों के साथ कई वीवीआईपी भी पहुंचेंगे।
गुरुवार से भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में रुद्राक्ष महोत्सव के सात दिवसीय कार्यक्रमों का श्रीगणेश किया जाएगा। इसमें सुबह रुद्राक्ष से बनाए गए शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा। इसके अलावा दोपहर में एक बजे से शाम चार बजे तक कथा और रात्रि में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार रुद्राक्ष महोत्सव में एक करोड़ से अधिक रुद्राक्षों को अभिमंत्रित किया जाएगा।बताया जा रहा है कि इस बार जिला प्रशासन, विठलेश सेवा समिति, समाजसेवियों और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रवासियों के सहयोग से कथा में शामिल होने वालों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। शिवमहापुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सात से 13 मार्च तक शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया है। शिवमहापुराण समारोह को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा पार्किग व्यवस्था और रूट डायवर्ट किया गया है। 12 सौ से अधिक पुलिस के जवान दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी एक दर्जन से अधिक विभागों के आला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।

MP: Seven day Rudraksh Mahotsav-Shivmahapuran Katha from tomorrow

श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला देर रात तक जारी
शहर के सभी होटल, धर्मशालाओं और भवनों में भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। कथास्थल पर लगे डोम फुल हो चुके हैं, इसलिए श्रद्धालु गांव में ही अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों ने अपने घरों को होटल-धर्मशाला की तरह बना लिया है। जहां जगह खाली बची, वहां पार्किंग बनाई गई है। कथा का श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह है। आलम यह है कि सीहोर आने वाली सारी ट्रेन और बस फुल हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर रेंक के कई अधिकारियों को अलग-अलग जगह दिन-रात में तैनात किया गया है।

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