शेख हसीना को अब तक शरण के लिए नहीं मिला ब्रिटेन से ग्रीनकार्ड

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लंदन। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर जारी हिंसा अपने चरम पर है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हुई हिंसक घटनाओं में जहां 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, वहीं मरने वालों का कुल आंकड़ा 450 के करीब पहुंच गया है। फिलहाल शेख हसीना भारत में भी एक अज्ञात स्थान पर ठहरी हुई हैं। उन्होंने ब्रिटेन से पनाह मांगी है हालांकि उनके ब्रिटेन जाने पर अभी भी संशय बरकरार है। ब्रिटेन के गृह कार्यालय के सूत्रों ने संकेत दिया है कि देश के आव्रजन नियम उन व्यक्तियों को ब्रिटेन आने की अनुमति नहीं देते हैं जो वहां शरण लेने के लिए आते हैं। सूत्रों ने कहा कि इससे हसीना की यात्रा योजनाओं में कुछ अड़चन आ गई हैं। जब तक उनके ब्रिटेन जाने की स्थिति साफ नहीं होती तब तक वह भारत में ही रह सकती हैं।
ये नियम बन रहा परेशानी
ब्रिटेन सरकार के सूत्रों ने बताया कि ब्रिटेन के पास उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का एक अच्छा रिकॉर्ड है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। हालांकि उनके आव्रजन नियमों के भीतर किसी को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए यूके की यात्रा करने की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है। रणनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन में शरण की स्थिति जटिल है। इससे पहले ब्रिटेन ने हसीना के दिवंगत पिता शेख मुजीबुर रहमान को जनवरी 1972 में पाकिस्तानी जेल से रिहाई पर शरण देने की पेशकश की थी।

वहीं, इससे पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने बांग्लादेश में जारी हिंसा पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि सभी को मिलकर काम करना चाहिए और हिंसा को समाप्त करना चाहिए। डेविड लैमी ने अपील की कि बांग्लादेश हिंसा की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और संयुक्त राष्ट्र को इसका नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन देश के लोकतांत्रिक भविष्य की दिशा में कार्रवाई देखना चाहता है।

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