सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 32 गुना बढ़ी, ऐसा करने वाला जी-20 का पहला देश : पीएम मोदी

भारत 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य तय किया

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस यात्रा के दौरान मंगलवार को वर्चुअली ‘इंडिया एनर्जी वीक 2025’ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है और ऊर्जा क्षेत्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने, भारतीय रेलवे को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर ले जाने और हर साल 50 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 32 गुना बढ़ी है और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है। गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता तीन गुना बढ़ी है, इससे भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने वाला पहला जी-20 देश बन गया है।
इतनी ही नहीं भारत में 19 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण हो रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत, किसानों की आय में वृद्धि और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। मोदी सरकार ने ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी’ बनाई है, जिससे हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और गैस क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बैटरी निर्माण को बढ़ावा दे रहा है। सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता 2 गीगावॉट से बढ़कर 70 गीगावॉट हो गई है। उन्होंने ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ का भी जिक्र कर कहा कि इससे नए ग्रीन जॉब्स के मौके बन रहे हैं।
हरित ऊर्जा और निवेश के नए अवसर
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बैटरी निर्माण को लगातार बढ़ावा दे रहा है। सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता 2 गीगावॉट से बढ़कर 70 गीगावॉट हो चुकी है। उन्होंने ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ का भी जिक्र किया, जिससे नए ग्रीन जॉब्स के मौके बन रहे हैं। इसके साथ ही क्लीन ऊर्जा का भारत का सपना साकार हो रहा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक निवेशकों को भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत विकास और पर्यावरण दोनों को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है और सतत विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। इंडिया एनर्जी वीक 2025 ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे बदलावों और नई तकनीकों को अपनाने की दिशा में देश की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।

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