गला घोंटा, पत्थर से सिर कुचला, फिर गड्ढे में दबाया, ग्वालियर में 12 साल की मासूम ‘कातिल’ का कांड दहला देगा

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ग्वालियर। चलो बेर खाने चलते हैं! 12 साल की बच्ची के ये शब्द चार साल के देवराज के कान में पड़ें तो वह उसके साथ चल पड़। लेकिन, कुछ दूर जाने के बाद उस बच्ची ने देवराज का गला दबा दिया, पत्थर उठाकर कई बार उसके सिर पर मारा और फिर उसे गड्ढे में डाल दिया। किसी की नजर न पड़े, इसके लिए उसने पत्थरों से गड्ढे को ढंक दिया। इससे देवराज की मौत हो गई। पुलिस ने ग्वालियर के सिरोल कॉस्मो आनंदा टाउनशिप के पास एक गड्ढे से उसका शव बरामद किया किया। आरोपी 12 साल की बच्ची भी पुलिस हिरासत में, उससे पूछताछ की जा रही है। लेकिन, 12 साल की बच्ची ने जिस तरह से चार साल के देवराज की हत्या की उससे सब की रूह कांप गई है। आइए, जानते हैं पूरा मामला क्या है।

यूपी का रहने वाला है देवराज का परिवार 
जानकारी के अनुसार, चार साल के देवराज वंशकार के पिता राजकुमार वंशकार का परिवार उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। दो महीने पहले वह अपने परिवार के साथ ललितपुर जिले के महूलेन गांव से ग्वालियर मजदूरी करने आया था। यहां आने के बाद से वह सिरोल कॉस्मो आनंदा टाउनशिप में मजदूरी कर रहे था और ग्वालियर में डीईओ ऑफिस के पास एक निर्माणाधीन छात्रावास में परिवार के साथ रहता है। परिवार में पत्नी के अलावा उसके चार बच्चे हैं, देवराज उनका दूसरे नंबर का बच्चा था।

मंगलवार को लापता हो गया था देवराज
राजकुमार ने बताया कि मंगलवार को वह रोज की तरह अपनी पत्नी के साथ काम करने के लिए कॉस्मो आनंदा गया था। देवराज अपने भाई-बहन के साथ खेल रहा था। दोपहर 12 बजे तक देवराज बच्चों के साथ खेलता रहा। उसके बाद पास ही रहने वाली एक बच्ची के साथ बेर तोड़ने चला गया, कुछ देर बाद उसकी मां उसे देखने आई तो वह नहीं मिला। मां ने उसे यहां-वहां तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके पत्नी ने पति राजकुमार को सूचना दी। जिसके बाद वह घर पहुंचा और सब देवराज की तलाश में लग गए, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।

बच्चे की बहन बोली दीदी ने वापस नहीं छोड़ा 
बच्चे के लापता होने की सूचना पर बुधवार को सिरोल पुलिस मौके पर पहुंची। काफी तलाशने के बाद भी बच्चा नहीं मिला, तो अपहरण का केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की गई। इस दौरान पुलिस को इलाके में लगे एक सीसीटीवी वीडियो में देवराज एक नाबालिग बच्ची के साथ जाता दिखा। पुलिस ने उससे पूछताद की तो उसने बच्चे को वहीं वापस छोड़कर जाने की बात कही। बच्ची छोटी थी, इसलिए पुलिस को संदेह नहीं हुआ। लेकिन, लापता बच्चे की बहन बार-बार कह रही थी कि दीदी भइया को वापस छोड़कर नहीं गई। ऐसे में पुलिस ने आरोपी बच्ची से फिर से पूछताछ की, हल्की सख्ती दिखाने पर ही उसने सबकुछ सच बता दिया। इसके बाद पुलिस ने उसकी बताई जगह (खंडहर प्लॉट के पिलर के गड्ढे) से देवराज वंशकार का शव बरामद करा दिया।
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