कैंट बोर्ड कार्यालय में फुटपाथ व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

जिस दुकान से किराया वसूलते थे, उसी को अतिक्रमण बता तोड़ दिया

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जबलपुर। भैंसासुर मार्ग पर पिछले तीन दशकों से मांस, मछली, और सब्जियों की दुकानें चला रहे व्यापारियों ने बुधवार को केंट बोर्ड द्वारा की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन केंट बोर्ड कार्यालय के सामने आयोजित किया गया, जहां व्यापारियों ने जमकर नारेबाजी की और अपनी समस्याओं का समाधान करने की मांग की।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि 2014 में पुनः आवंटित की गई दुकानें छावनी परिषद द्वारा नियमित रूप से किराए पर दी जा रही थीं और हर माह का किराया समय पर लिया जा रहा था। इसके अलावा, शासन के आदेश के अनुसार, मांस और मछली को ढंककर बेचने के नियम का पालन भी किया जा रहा था। लेकिन 17 दिसंबर को अचानक छावनी परिषद का अमला बिना किसी पूर्व सूचना और पुलिस बल के साथ पहुंचा और दुकानों को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया। व्यापारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में लाखों रुपये की क्षति हुई है, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
व्यापारियों का कहना था कि उनके पास केवल यही एक व्यवसाय था और इसे बंद करने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। उनके परिवारों के सामने भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने केंट बोर्ड से आग्रह किया कि उनकी क्षति की भरपाई की जाए और उन्हें किसी अन्य स्थान पर व्यापार करने के लिए पुनः स्थान आवंटित किया जाए।
बुधवार के प्रदर्शन में बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित थे और उन्होंने एक स्वर में कहा कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उनका नुकसान नहीं पूरा किया जाता और उन्हें नए स्थान पर व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाती। व्यापारियों का यह भी कहना था कि उनके लिए यह व्यवसाय जीवन और परिवार का एकमात्र साधन था, और अब वे अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
व्यापारियों की मांग है कि उन्हें न्याय मिले और उनके नुकसान की भरपाई की जाए, ताकि वे अपने व्यवसाय को पुनः स्थापित कर सकें और अपनी आजीविका सुरक्षित रख सकें।

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