पंजाब में जल रही पराली: मान ने मोदी पर कसा तंज, कहा-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं तो पराली का धुआं क्यों नहीं

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चंडीगढ़। पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। अब कुल मामलों की गिनती बढ़कर 1348 हो गई है। शुक्रवार को 59 नए मामले हुए। सरकार के दावों के विपरीत इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामलों का आंकड़ा पिछले साल 2023 का रिकाॅर्ड तोड़ने के नजदीक है। पिछले साल 15 सितंबर से लेकर अब तक पराली जलाने के कुल मामले 1407 हो गए थे। हालांकि साल 2022 में इस दौरान पराली जलाने के 2189 मामले हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक, आज के ही दिन पंजाब में साल 2022 में पराली जलाने के 342 और साल 2023 में 18 मामले हुए थे।

सीएम मान ने पीएम पर कसा तंज

पराली जलाने की समस्या पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पराली जलाने की समस्या के लिए केवल पंजाब को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सीएम मान ने केंद्र सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर पीएम यूक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं तो पराली का धुआं क्यों नहीं। सीएम मान ने कहा कि पराली जलाने की समस्या पूरे उत्तर भारत की है। इसके लिए केंद्र सरकार को विशेष तौर पर प्रधानमंत्री को पूरे उत्तर भारत के राज्यों की एक बैठक बुलानी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए। सीएम ने कहा कि पंजाब का किसान धान उगाना ही नहीं चाहता क्याेंकि प्रदेश में पहले भू-जल स्तर नीचे चला गया है। धान की जगह प्रदेश का किसान वैकल्पिक खेती तलाश रहा है, लेकिन इसमें भी एक बड़ी समस्या है कि उन्हें उस पर उचित एमएसपी नहीं दी जाती है। मान ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए, ताकि वह ऐसा ना करें। उन्होंने कहा-दिल्ली में बैठे कई लोग बोलते हैं कि पंजाब में पराली जलने की वजह से प्रदूषण होता है, जबकि एनजीटी के एक पूर्व रिटायर्ड जस्टिस ने बीते दिनों अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि पंजाब में पराली जलने की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण नहीं होता है।

यलो जोन में एक्यूआई

पराली के लगातार जलने से पंजाब के छह शहरों का एक्यूआई शुक्रवार को भी यलो जोन में रहा। इनमें सबसे अधिक 174 एक्यूआई मंडी गोबिंदगढ़ का दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर का 154, बठिंडा का 115, जालंधर का 110, खन्ना का 109 और पटियाला का 114 दर्ज किया गया। वहीं लुधियाना का एक्यूआई 98 दर्ज किया गया। यह एक्यूआई मध्यम श्रेणी में है। डाॅक्टरों के मुताबिक इस एक्यूआई में खास तौर से दमा, फेफड़ों व दिल के रोगों से पीडित मरीजों को सांस लेने में समस्या हो सकती है। शुक्रवार को पंजाब में पराली जलाने के 59 नए मामले हुए, जिनमें सबसे अधिक 13 जिला पटियाला से रहे। वहीं, तरनतारन से 11, संगरूर से सात, अमृतसर से छह, बठिंडा से एक, फतेहगढ़ साहिब से दो, फिरोजपुर से पांच, गुरदासपुर से एक, जालंधर से दो, कपूरथला से तीन, लुधियाना से दो, मानसा से चार, मोगा से एक, मुक्तसर से एक मामला सामने आया। पंजाब में अब तक पराली जलाने में जिला अमृतसर कुल 423 मामलों के साथ सबसे आगे चल रहा है। तरनतारन में 285, संगरूर में 123, एसएएस नगर में 26, मालेरकोटला में 23, पटियाला में 155, रूपनगर में दो, एसबीएस नगर में तीन, मुक्तसर में दो, मोगा में आठ, मानसा में 25, लुधियाना में 27, कपूरथला में 61, जालंधर में 15, गुरदासपुर में 43, फिरोजपुर में 81, फाजिल्का में आठ, फतेहगढ़ साहिब में 24, फरीदकोट में दो, बठिंडा व बरनाला में छह-छह पराली जलाने के मामले हो गए हैं। पीपीसीबी के चेयरमैन आदर्श पाल विग के मुताबिक, लगातार पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए फील्ड में मानीटरिंग की जा रही है। उन्होंने माना कि आने वाले दिनों में पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन बोर्ड की कोशिश रहेगी कि किसानों को आग लगाने से रोका जा सके। इसके लिए अगर सख्ती बरतनी पड़ी, तो वह भी की जाएगी। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में भी लगातार जागरूक किया जा रहा है।

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