अयोध्या। इस वर्ष रामनवमी (6 अप्रैल) से अयोध्या में रामलला का रोज सूर्य तिलक होगा। हर दिन करीब 4 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ेंगी। मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि यह व्यवस्था अगले 20 साल तक जारी रहेगी।
राम मंदिर में पहली बार 17 अप्रैल 2023 को रामनवमी के दिन सूर्य तिलक किया गया था। अब इसे रोजाना करने का निर्णय लिया गया है। इस बीच, राम मंदिर का शिखर लगभग तैयार है और राम दरबार की स्थापना 15 मई तक पूरी हो जाएगी।
कैसे होगा सूर्य तिलक?
आईआईटी रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इसके लिए ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। सूर्य की किरणें गर्भगृह तक पहुंचाने के लिए अष्टधातु के 20 पाइप और 65 फीट लंबा सिस्टम लगाया गया है। किरणों को सही दिशा में लाने के लिए 4 लेंस और 4 मिरर का इस्तेमाल किया जाएगा। हर दिन करीब 4 मिनट तक किरणें रामलला के मस्तक को प्रकाशित करेंगी।
मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, इस अनोखी व्यवस्था से श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव मिलेगा। रामलला के भव्य मंदिर में यह अनूठी वैज्ञानिक तकनीक आस्था और विज्ञान का संगम दर्शाएगी।