महिला कर्मचारियों की शिकायत के बाद SDM के पद से हटाया था
कलेक्टर ने बहाल किया, कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया
पटवारी संघ से भी पंगा चल रहा था
महिला से जूते की लेस बंधवाए थे
इससे पहले भी चिरामन विवादों में रह चुके हैं। सिंगरौली जिले के चितरंगी में एसडीएम रहने के दौरान उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे एक महिला से जूते के लेस बंधवाते नजर आ रहे थे। उस वक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें तत्काल हटा दिया था। इसके बाद वह नर्मदापुरम में पदस्थ किए गए थे। इस मामले में प्रतिक्रिया कर व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा भी था कि, गनीमत है SDM को सस्पेंड नहीं किया।
डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन का बयान
डिप्टी कलेक्टर असवान राम चिरामन ने कहा, मैं पिछले आठ महीने से सोहागपुर में एसडीएम के पद पर रहा, मैंने अच्छा काम किया। इस दौरान केवल दो-तीन बार पटवारियों की बैठक ली। यह झूठा आरोप लगाया जा रहा है कि मैं उन्हें बैठक में डांटता था। मैं सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक काम करता हूं। अनुशासन और कार्यशैली में सख्ती रखना मेरे स्वभाव में है, लेकिन यही बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आई। राजस्व महाअभियान के दौरान दिए गए लक्ष्यों को मैंने पूरा करने के लिए सख्ती बरती। इससे कुछ लापरवाह और कामचोर कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी पड़ी। इस कारण पटवारी संघ मेरे विरोध में उतर आया। मुझे जानकारी मिली कि नायब तहसीलदार नीरू जैन ने तहसीलदार की ओर से कलेक्टर को एक शिकायत पत्र भेजा है। इसमें तहसीलदार की सील का उपयोग किया गया। मैं निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं। 22 मार्च को सोहागपुर से हटाने का आदेश जारी किया गया, जिसकी सूचना अगले दिन रविवार को मिली। इसके बाद हाईकोर्ट से स्टे आदेश लिया और 26 मार्च को कलेक्टर कार्यालय में जमा किया। 28 मार्च, शुक्रवार को सोहागपुर एसडीएम के पद पर बहाल करने का आदेश जारी हुआ, लेकिन उसी दिन देर शाम निलंबन की सूचना मिली।