आखिर कर भारत के शिकंजे में आया आंतकी तहव्वुर राणा, देशवासियों का लंबा इंतजार खत्म

राणा को भारत प्रत्यर्पित करवाना मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत

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नई दिल्ली। मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड आंतकी तहव्वुर राणा भारत आ गया है। बहुत मेहनत और कूटनीतिक प्रयासों के बाद आखिरकार अमेरिका से घसीटकर राणा को भारत लाया गया है। अमेरिका से आंतकी को स्पेशल विमान में लाया गया है। राणा का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। उसके साथ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम थी। इस तरह देशवासियों का लंबा इंतजार खत्म हुआ। अब आंतकी राणा से गुनाहों का हिसाब होगा।
26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी आंतकी राणा को तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है। तहव्वुर राणा की 64 साल है। तहव्वुर राणा तिहाड़ जेल में एक हाई सुरक्षा वार्ड में रखा जाएगा। आतंकवादी को रखने के लिए जेल में सभी आवश्यक तैयारियां हो चुकी है। तहव्वुर राणा साल 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। वह मुंबई अटैक के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमेन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी है। तहव्वुर राणा को लेकर एक विशेष चार्टर्ड विमान अमेरिका से भारत के लिए रवाना हुआ था।
तहव्वुर को अमेरिका से भारत लाने में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकर प्रत्यर्पित किया गया। सूत्रों ने बताया कि राणा को एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में लिया जाएगा।
तहव्वुर राणा पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसमें आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं। हालांकि, मुंबई पुलिस को अभी तक उसके शहर में स्थानांतरण के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। डेविड कोलमेन हेडली का सहयोगी होने के अलावा, ऐसा माना जाता है कि राणा के पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ करीबी संबंध थे। राजनैतिक तौर पर आंतकी राणा का भारत पहुंचना मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत है। पीएम मोदी और केंद्र सरकार हमेशा से ही आंतक और आंतकवादियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कह रही है।

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