कटनी में बन रहा भारतीय रेल का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर, देखिए इससे जुड़ी विशेषताएं

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जबलपुर । रेलवे पर चल रहे प्रमुख रेल परियोजनाओं को गति प्रदान करने के लिए सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में तीव्र गति से अधोसरंचनात्मक कार्य किया जा रहा है । इसी श्रंखला में पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के सुनिश्चित मार्गदर्शन में पश्चिम मध्य रेल पर अधोसंरचना कार्य परियोजनाओं को भी तीव्र गति प्रदान की जा रही है। पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मण्डल में सबसे लंबा वायाडक्ट (पुल) कटनी ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। रेल परियोजनाओं में कटनी ग्रेड सेपरेटर पश्चिम मध्य रेल की प्रतिष्ठित परियोजना में से एक है। इस परियोजना की लागत लगभग 1248 करोड़ रुपये है। अप ग्रेड सेपरेटर की लम्बाई 16 किमी एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर की लम्बाई 18 किमी सहित ग्रेड सेपरेट कुल लंबाई 34 किलोमीटर है। इस कुल लम्बाई के पुल में वॉयडक्ट (18 किमी), रिटेनिंग वॉल (3 किमी), अर्थवर्क (13 किमी) के साथ अप एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है । ग्रेड सेपरेटर परियोजना के निर्माण की मुख्य विशेषता यह है कि कटनी और कटनी मुड़वारा और न्यू कटनी जंक्शन के व्यस्त यार्ड को पार करने के लिए एलिवेटेड वायाडक्ट उपयोगी साबित होगी। इस ग्रेड सेपरेटर में वायाडक्ट (पुल) की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है। अप ग्रेड सेपरेटर में कुल 260 स्पैन और डाउन ग्रेड सेपरेटर में 411 स्पैन निर्माणाधीन हैं। मौजूदा ट्रैक पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ दिन-रात कार्य करते हुए ग्रेड सेपरेटर के निर्माण का काम जोरों पर है। अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

सीधे जुड़ सकेगा संपर्क

ग्रेड सेपरेटर बनने से बीना-कटनी रेलखण्ड में गुड्स ट्रेन के परिचालन में वृद्धि होगी। कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जायेगा और कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखण्ड का बायपास होगा। माल यातायात में वृद्धि होने से फे्रट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी। साथ ही पश्चिम मध्य रेल के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी।

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