मुंबई में कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पहले संसद में लोग पूछते थे कि देश में पर्याप्त बैंक शाखाएं नहीं हैं, गांवों में बैंक उपलब्ध नहीं हैं, इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं…फिनटेक क्रांति कैसे आएगी? वे मुझ जैसे चायवाले से ऐसा पूछते थे…अब एक दशक के भीतर ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता 60 मिलियन (6 करोड़) से बढ़कर 940 (94 करोड़) मिलियन हो गए हैं।
मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की फिनटेक क्रांति वित्तीय समावेशन में सुधार के साथ-साथ नवाचार को भी बढ़ावा दे रही है। फिनटेक फेस्ट के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत का यूपीआई पूरी दुनिया में फिनटेक का बहुत बड़ा उदाहरण बन गया है। आज गांव हो या शहर, सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो गया बर्फ गिर रही हो, भारत में बैंकिंग सर्विस चौबीसों घंटे, सातों दिन और 12 महीने चलती रहती है।पीएम मोदी ने कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले ही जनधन योजना के 10 साल पूरे हो गए हैं। ये जनधन खाते महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा माध्यम गया है। इसके तहत 29 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के बैंक खाते खोले गए हैं।
जनधन खातों ने बचत और निवेश के नए अवसर बनाए
पीएम ने कहा, “जनधन खातों ने महिलाओं के लिए सेविंग्स और निवेश के लिए नए अवसर बनाए हैं। इन खातों को आधार बनाकर हमने माइक्रो फाइनेंस की सबसे बड़ी स्कीम मुद्रा योजना लॉन्च की। इस स्कीम के 70% लाभुक महिलाएं हैं। जनधन खातों ने महिलाओं के स्वयं सेवी समूहों को भी बैंकिंग से जोड़ा है। इसका फायदा आज देश की 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा है, यानी जन धन योजना ने महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की एक मजबूत नींव रखी है। फिनटेक ने पैरलल इकोनॉमी पर भी चोट की है।”
हम डिजिटल तकनीक के जरिए पारदर्शिता लाए: पीएम मोदी
पीएम ने कहाकि हम भारत में डिजिटल तकनीक के जरिए पारदर्शिता लेकर आए हैं। आज सरकार की सैकड़ों योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाता है। इसमें सिस्टम से लीकेज बंद हुई है। आज लोगों को फॉर्मल सिस्टम से जुड़ने में अपना लाभ नजर आता है। भारत में फिनटेक की वजह से जो बदलाव आया है वह सिर्फ तकनीक तक ही सीमित नहीं है। इसका सामाजिक प्रभाव बहुत व्यापक है। इससे गांव और शहर की खाई को दूर करने में मदद मिली है। पीएम ने कहा कि फिनटेक ने वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई है।