जबलपुर : गूगल मैप से लोकेशन का पता लगाकर देते थे चोरी की वारदातों का अंजाम, 18 लाख के जेवरों के साथ पकड़े गए शातिर चोर

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जबलपुर। पुलिस ने एक शातिर चोर गिरोह को पकड़ा है जो दूसरे जिले से आकर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपी चोरी करने का क्षेत्र गूगल मैप सेटेलाइट के माध्यम से निकाला करते थे। फिर वहां कुछ दिन राखी करने के बाद सूने मकान को निशाना बनाते हुए सामान लेकर फरार हो जाते थे इस मामले में थाना बरगी चौकी में विगत 16 फरवरी को 56 वर्षीय कालूराम लड़िया निवासी नवोदय विद्यालय परिसर बरगीनगर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह बरगी बांध में सब इंजीनियरिंग के पद पर पदस्थ है। वही उनकी पत्नी पुष्पा लड़िया नवोदय विद्यालय बरगीनगर में शिक्षक है, तथा नवोदय परिसर में ही शासकीय मकान में लगभग 24 वर्ष से निवास कर रहे हैं। कालूराम लड़िया के मुताबिक विगत 15 फरवरी को उनकी रिश्तेदारी में गमी हो गई थी। जिसके चलते हुए परिवार सहित जबलपुर आए हुए थे। दुसरे दिन जब वे घर वापस गए तो देखा घर के दरवाजे का कुंदा एवं ताला टूटा था अंदर देखा तो आलमारियों के ताले टूटे थे। अंदर का सामान अस्त व्यस्त पडा हुआ था। लॉकर की तलाशी लेने पर आलमारी में रखे लगभग 70 हजार रूपये एवं सोने-चांदी के लगभग 18 लाख 72 हजार रूपये के जेवर गायब थे।

जांच के दौरान धार की मिली लोकेशन

मामले की गंभीरता देख एसपी आदित्य प्रताप सिंह के निर्देश पर टीम गठित कर आरोपियों की पतासाजी शुरू कर दी गई। इस दौरान नवोदय विद्यालय परिसर में पदस्थ समस्त कर्मचारियों से पूछताछ करते हुये तकनीकी अनुसंधान के माध्यम से साक्ष्य एकत्रित करते हुए पुलिस ने धार जिले से आरोपी को पकड़ा। जिसने पूछताछ पर अपना नाम 35 वर्षीय सुरप सिंह निवासी ग्राम देवधा थाना बाग जिला धार बताया।

कार से पहुंच कर उड़ा देते थे सामान

आरोपी से सघन पूछताछ करने पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर आर्टिका कार से राजगढ से जबलपुर आकर बरगी बांध के पास नवोदय विद्यालय केम्ंपस में चोरी करना स्वीकार किया। वही चोरी किए हुए जेवर आरोपी ने दीपक सोनी को बेचना बताया।
पुलिस ने जब आरोपी दीपक सोनी निवासी गंदी नाला को गिरफ्तार किया तो उसने सुरप सिंह के अलावा अदन, अलावा, राजू, भाया से चोरी के जेवर खरीदना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे चुराई हुई जेवर नगदी जप्त करते हुए अन्य फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस की पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि वे गूगल मैप सेटेलाईट की मदद से कालोनियो की जानकारी जुटाकर स्वयं की कार से गिरोह के रूप में पहुंचकर चोरी के स्थान की रैकी करते हुए रात में चोरी की घटना को अंजाम देते थे।

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