इस दिवाली मेड इन इंडिया का जलवा…नहीं बिक रहा है चाइनीज सामान

कुम्हारों से मिट्टी के दीये और सजावट का सामान खरीदकर लोग वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे

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नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों से दिवाली और धनतेरस पर चाइनीज प्रोडक्ट्स की डिमांड भारतीय बाजारों में लगातार घटती जा रही है। खासकर डेकोरेटिंग आइटम्स की बिक्री पहले के मुकाबले काफी घटी है। डिमांड कम होने से आयात भी कम हो रहा है, जिससे घरेलू सामानों की बिक्री बढ़ रही है। दरअसल, देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान का असर अब दिखने लगा है। चाइनीज सामानों की बिक्री लगातार घट रही है। इस साल अधिकतर लोग दिवाली पर स्वदेशी सामान खरीदते हुए नजर आ रहे हैं। खासकर लोग इलेक्ट्रॉनिक्स सजावट के सामान मेड इन इंडिया देखकर ही खरीद रहे हैं।

चाइनीज प्रोडक्ट्स का विरोध
एक अनुमान के अनुसार दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री में तगड़ी गिरावट से चीन को करीब 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्योंकि लगातार कई वर्षों से दिवाली पर चाइनीज प्रोडक्ट्स का बहिष्कार किया जा रहा है। कुम्हारों से मिट्टी के दीये और सजावट का सामान खरीदकर लोग वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। कैट ने देशभर के व्यापारिक संगठनों से आग्रह किया है कि वह अपने क्षेत्र की जो महिलाएं, कुम्हार, कारीगर सहित अन्य लोग दीपावली से संबंधित सामान बना रहे हैं, उनकी बिक्री में वृद्धि करने में सहायता करें। इससे लोगों में जागरुकता बढ़ी है, और अब वो घरेलू प्रोडक्ट्स को तरजीह दे रहे हैं। जिससे चीन को करीब 1।25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जो व्यापारियों का संगठन है, उसने व्यापारियों से अपील की है कि वो लोकल प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दें। कैट के जनरल सेक्रेटरी और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस दिवाली पर वोकल फॉर लोकल का दर्शन पूरी तरह बाजारों में दिख रहा है क्योंकि करीब सारी खरीदारी भारतीय सामानों की ही हो रही है।

 

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