Politics: न्याय यात्रा के बहाने साधेंगे मालवा-निमाड़, चार SC-ST लोकसभा क्षेत्रों पर रहेगा राहुल गांधी का फोकस
नई दिल्ली। राहुल गांधी की न्याय यात्रा मार्च में मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी। भारत जोड़ो यात्रा के समय राहुल ने बुरहानपुर के रास्ते मध्य प्रदेश में प्रवेश किया था और 30 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर यात्रा घूमी थी। हालांकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उनमें से ज्यादातर सीटें हार गईं। इस बार न्याय यात्रा के लिए राहुल ग्वालियर, मुरैना की तरफ से प्रदेश में आएंगे। मालवा-निमाड़ की चार एससी-एसटी सीटों पर कांग्रेस का इस यात्रा के बहाने फोकस रहेगा। यह चारों सीटें कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थीं, लेकिन अब भाजपा के कब्जे में हैं। बता दें कि 5 मार्च को न्याय यात्रा देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र में प्रवेश करेगी। यह लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर कब्जा जमाया। पहले सज्जन सिंह वर्मा इस लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि पार्टी दमदार चेहरा इस सीट पर उतारकर मुकाबला बराबरी का कर सकती है। राहुल की न्याय यात्रा शाजापुर, मक्सी क्षेत्रों से भी निकलेगी, जो देवास संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैै। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह की पसंद रहे लोक गायक प्रल्हाद सिंह टिपणिया को टिकट दिया था, जो चुनाव हार गए थे।
मुख्यमंत्री के गढ़ उज्जैन में कांग्रेस दिखाएगी ताकत
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जिन क्षेत्रों में राहुल गए, उन क्षेत्रों को इस बार न्याय यात्रा के लिए नहीं जोड़ा जा रहा है। लेकिन, उज्जैन को इस यात्रा में भी शामिल किया गया है। भारत जोड़ो यात्रा मेें राहुल ने इंदौर जिले में आमसभा भी ली थी और जिले मे दो दिन यात्रा ने विश्राम भी किया था। उज्जैन मेें राहुल युवा अधिकार रैली में भी शामिल होंगे।
उज्जैन की रैली को सफल बनाने के लिए इंदौर जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता भी जाएंगे। सभी नेतागणों को भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। उज्जैन लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। 2009 में कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू इस सीट से सांसद रह चुके हैं, लेकिन उसके बाद भाजपा का इस सीट कर कब्जा रहा। कांग्रेस यात्रा के बहाने फिर इस सीट को मजबूत करने की रणनीति बना चुकी है।
आदिवासी अंचल पर भी नजर
धार संसदीय क्षेत्र सीट भी एक समय कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। 2009 में कांग्रेस के गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी यहां से सांसद रह चुके हैं, लेकिन बीते दस सालों से भाजपा का इस सीट पर कब्जा रहा है। राहुल गांधी की यात्रा इस लोकसभा क्षेत्र को भी कवर करेगी। इसके अलावा रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र में भी न्याय यात्रा का हिस्सा है।
रतलाम में राहुल एक सभा भी लेंगे। इस लोकसभा सीट पर 17 लोकसभा और एक उपचुनाव हुए, लेकिन सिर्फ चार बार ही गैर कांग्रेसी नेता चुनाव यहां जीत पाए हैं। भाजपा ने इस सीट को हमेशा चुनौती के रूप में लिया। भाजपा ने इस सीट पर वर्ष 2014 में पहली बार जीत दर्ज कराई थी। तब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए दिलीप सिंह भूरिया चुनाव जीते, लेकिन उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव मेें फिर सीट कांग्रेस के खाते में आ गई। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार गुमान सिंह डामोर ने चुनाव जीता। कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस इस लोकसभा सीट पर है।