शृंगार के दौरान मस्तक पर त्रिपुंड, चन्द्र धारण करवाकर रुद्राक्ष की माला से बाबा महाकाल को सजाया गया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।