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उज्जैन। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या आज सोमवार पर आने से आज सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बना है। आज श्री महाकालेश्वर मंदिर मे बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 2.30 बजे जागे। इसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान बाबा महाकाल का शृंगार कर भस्म रमाई गई। इसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं को हुआ।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा बाला गुरु ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या सोमवार पर बाबा महाकाल रात 2.30 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भांग और मावे के साथ आभूषण पहनाकर शृंगार किया गया। भांग और ड्रायफ्रूट से किए गए भगवान के इस अलौकिक श्रृंगार मे गले में सर्प तो शीष पर मां गंगा नजर आई। इसे जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया। आज भगवान का राजसी स्वरूप में शृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट से शृंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।