Ujjain Mahakal: शनिवार और हनुमान जयंती का विशेष संयोग, भस्म आरती ने बाबा महाकाल ने दिए हनुमान स्वरूप में दर्शन

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उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर शनिवार सुबह भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत को अर्पित कर किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष की माला धारण करवाई गई। आज के शृंगार की विशेष बात यह रही कि आज भस्मआरती में बाबा महाकाल को हनुमान जी के स्वरूप में शृंगारित किया गया। शृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती कर भोग भी लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे। आज हनुमान जयंती होने के विशेष संयोग में बाबा महाकाल का यह श्रृंगार हुआ इस शृंगार के दर्शन हजारों भक्तों ने किए।
वैशाख एवं ज्येष्ठ माह में श्री महाकालेश्वर भगवान पर होगा गलंतिका से अभिषेक
श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार 13 अप्रैल (वैशाख कृष्ण प्रतिपदा) से 11 जून 2025 (ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा) तक श्री महाकालेश्वर भगवान जी पर 11 मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा हेतु गलंतिका बांधी जाएगी। कलशों पर प्रतीकात्मक रूप में नदियों के नाम क्रमशः गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, क्षिप्रा, गण्डकी, अलखनंदा आदि नामो को अंकित किया जाता है। भगवान श्री महाकालेश्वर पर सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जाएगी, जो प्रतिदिन प्रात: भस्मार्ती के पश्चात से सायंकाल पूजन तक रहेगी।

उल्लेखनीय है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरा अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तक (दो माह) श्री महाकालेश्वर भगवान जी को शीतलता प्रदान करने के लिए प्रतिदिन लगने वाले अभिषेक पात्र (रजत कलश) के साथ मिट्टी के 11 कलशों से सतत जलधारा प्रवाहित करने हेतु गलंतिका बांधी जाती है। वैशाख व ज्येष्ठ माह में अत्यधिक ऊष्ण व ग्रीष्म ऋतु का होता है। भीषण गर्मी में भगवान श्री महाकालेश्वर जी को दो माह तक प्रतिदिन भस्मार्ती के पश्चात प्रातः 6 बजे से सायं 5 बजे संध्या पूजन तक गलंतिका बधेगी।

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