UN: भारत के पंचायती राज में महिलाओं के नेतृत्व की यूएन में हुई तारीफ, रुचिरा कंबोज ने बताया क्या हुआ बदलाव
यूएन में भारत के सीपीडी57 साइड इवेंट में बोलते हुए रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत में जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण के परिवर्तनकारी प्रभाव हुए हैं। कंबोज ने कहा कि पंचायती राज सीधे लोकतंत्र का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें एक ग्राम सभा की पंचायत में सभी निवासियों की भागीदारी होती है। इससे सत्ता का विकेंद्रीकरण होता है। यह दुनिया में पाए जाने वाले पारंपरिक नगरपालिका प्रशासन मॉडल से अलग है और पंचायती राज व्यवस्था से समावेशी निर्णय लेने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।
भारत की लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि 1992 में संविधान संशोधन के साथ एक अहम मील का पत्थर हासिल किया गया, जिसके तहत स्थानीय शासन में कम से कम एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। जमीनी स्तर पर फैसले लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम था। कंबोज ने बताया कि आज भारत में निर्वाचित कुल 31 लाख जनप्रतिनिधियों में से 14 लाख से अधिक महिलाएं हैं। यह व्यापक सामाजिक बदलाव को दर्शाता है। कंबोज ने स्वीकार किया कि नेतृत्व में महिलाओं के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं, लेकिन इसके लिए सहायक कानूनी ढांचे, मजबूत क्षमता निर्माण और सहयोगी भागीदारी पर जोर देने की जरूरत है।