UP: कांग्रेस संगठन में होगा बड़ा बदलाव… बदले जाएंगे कई जिलाध्यक्ष, इनका कटेगा पत्ता तो इन्हें मिलेगी तरजीह

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में नए सिरे से बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। संगठन में सक्रिय युवाओं के साथ ही पिछ़ड़ों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी है। कई जिलों के जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी भी बदले जाएंगे।
लोकसभा चुनाव परिणाम से कांग्रेस उत्साहित है। प्रदेश नेतृत्व जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर निरंतर अभियान चलाने की तैयारी में है। पार्टी की रणनीति है कि संसद में जिन मुद्दों को उठाया जाए, उसे लेकर सड़क पर भी आंदोलन हो। इसके तहत वह प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभाना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस को ऐसे युवाओं की तलाश है, जो जनहित के मुद्दों को लेकर निरंतर आंदोलन चला सके। पार्टी ने ऐसे युवाओं को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। इसी रणनीति के तहत कई जिलों के जिलाध्यक्षों को भी बदला जाएगा। अंबेडकर नगर के जिलाध्यक्ष को पिछले दिनों पार्टी विरोधी गतिविधियों में निष्कासित किया जा चुका है, जबकि कई अन्य जिलाध्यक्ष भी प्रदेश नेतृत्व के निशाने पर हैं। ये जिलाध्यक्ष संगठन को सक्रिय करने के बजाय जिलों में आपसी गुटबाजी बढ़ा रहे हैं। ऐसे जिलाध्यक्षों को हटाने की तैयारी है। इसी तरह ब्लॉक कार्यकारिणी से लेकर जिला कार्यकारिणी में पिछड़ों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों की भागीदारी बढ़ाने की भी तैयारी चल रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि संगठन में काम करने वालों की जरूरत है। भीड़ के बजाय निरंतर जनता के हितों के लिए संघर्ष करने वालों को आगे बढाया जाएगा। ऐसे युवाओं को संगठन में अहम जिम्मेदारी देकर उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित की जाएगी।
दलितों-पिछड़ों में बढ़ते आक्रोश को थामने की कोशिश है अनप्रिया की चिट्ठी
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि भाजपा और एनडीए के नेता दलितों और पिछड़ों में आरक्षण व्यवस्था को निष्प्रभावी कर देने से बढ़ते आक्रोश को थामने की कोशिश में जुटे हैं। आपस में आरोप प्रत्यारोप करने का नाटक कर रहे हैं। ओबीसी और अनुसूचित वर्गों के अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर उन सीटों को अनारक्षित कर देने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र इसी नाटक का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने संविधान को बदलने और आरक्षण को खत्म कर देने की भाजपा की साज़िश को मुख्य चुनावी मुद्दा बना दिया था। ऐसे में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को भारी समर्थन मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में भाजपा नेतृत्व ने अनुप्रिया पटेल से यह पत्र लिखवाया है।
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