गुरुग्राम। शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन को शनिवार को 200 दिन पूरे हुए हैं। इस बीच ओलंपियन रेसलर, महिला पहलवान विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पहुंची। यहां किसानों ने विनेश का माला पहनाकर स्वागत कर सम्मान किया। इस मौके पर विनेश ने किसानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर कहा, किसान अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से यहां बैठे हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा अभी भी कम नहीं हुई है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैं एक किसान परिवार में पैदा हुई। आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा, क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगे पूरी हों, और जब तक आप अपने अधिकार नहीं ले लेते, तब तक वापस न लौटें। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के लिए आवाज उठाना हैं, हर बार राजनीतिक नहीं होता। विनेश ने किसानों के समर्थन में मोदी सरकार से अपील कर कहा, किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से बैठे हुए हैं। मैं सरकार से अपील करती हूँ कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह शांतिपूर्ण तरीके से, लेकिन बहुत तीव्रता के साथ चल रहा है। उन्होंने कहा, केंद्र हमारे संकल्प की परीक्षा ले रही है और हमारी मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं। किसान नेता पंधेर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के 200 दिन पूरे होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो किसानों के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
2 सितंबर को सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई
बता दें कि शंभू बॉर्डर पर किसान बीते पांच महीने बैठे हुए हैं। अभी हाल ही में 22 अगस्त को प्रदर्शन कर रहे किसानों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ बैठक जारी रखने का निर्देश दिया था। वहीं पंजाब और हरियाणा सरकारों ने किसानों के साथ हुई मीटिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। यह बैठक सुनवाई से एक दिन पहले पटियाला में हुई थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 2 सितंबर को होने वाली है।
400 किसान अब भी शंभू बॉर्डर पर
खबर के मुताबिक, पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से करीब 400 किसान शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। हालांकि चावल की रोपाई के बाद अधिकांश किसान अपने खेतों में वापस लौट गए हैं। शंभू बॉर्डर पर 5 महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान 2 दर्जन से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। किसान यूनियनों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे अपना मार्च कब फिर से शुरू करेगी।