Water Crisis : दिल्ली जाने वाला पानी पानीपत में हो रहा चोरी, जल माफिया ने लगाई सेंध; रात में होता है गोरखधंधा

201
करनाल। हरियाणा सरकार तो दिल्ली के लिए नियमानुसार पर्याप्त पानी सप्लाई दे रही है, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से हरियाणा पर कम पानी आपूर्ति देने का आरोप लगाया जा रहा। हरियाणा से दिल्ली को जाने वाला पानी बीच रास्ते में चोरी हो रहा है। फैक्ट्रियों और भवन निर्माताओं को जलापूर्ति देने वाले टैंकर संचालक इस पानी की चोरी कर रहे हैं। टैंकर संचालक खेतों के रास्ते कहीं खुले में तो कहीं सड़क के नीचे से पाइप नहर में डालकर सेंधमारी की जा रही है। वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी पानी की नहर से सेंधमारी पर अनजान बने हुए हैं। दिल्ली को पानी की सप्लाई देने वाली मूनक नहर क्षेत्र का दौरा किया तो कई जगह पानी निकालने के लिए नहर में पाइप लगे दिखाई दिए। दावा यह भी किया जा रहा है कि सिंचाई विभाग की विशेष टीमें नहर की पटरी पर गश्त करती है। इसके बावजूद मूनक नहर पर कई जगह पानी के पाइप नहर में डले दिखाई दिए। इनसे मोटर के माध्यम से पानी को फैक्ट्रियों में सप्लाई किया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, मूनक नहर पर करनाल क्षेत्र में तो टैंकर के माध्यम से और पानीपत क्षेत्र में व खुबडू से आगे माइनर से पाइप के माध्यम से रात में भी पानी चोरी किया जाता है। करनाल से पानीपत की तरफ मूनक नहर के नजदीक कई बजरी प्लांट हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इनमें भी अवैध तरीके से नहर से पानी ले जाया जाता है। मूनक हेड पर तार बाबू का पद रिक्त चल रहा है। ऐसे में निगरानी न होने के कारण भी आसानी से पानी की चोरी होती है।
बिना अनुमति नहीं निकाल सकते पानी
किसी भी नहर से पानी निकालने के लिए सिंचाई विभाग से प्रशासनिक अनुमति लेना जरूरी है। बिना अनुमति के नहर से कोई भी पानी नहीं निकाल सकता। पाइप लगाकर मोटर से या टैंकर भरने की स्थिति को पानी की चोरी माना जाता है। विकास कार्यों के लिए भी पीडब्ल्यूडी व अन्य सरकारी विभाग, ठेकेदार या एजेंसी बिना अनुमति के पानी नहीं निकाल सकतीं।

वाटर चार्ज या चोरी पर जुर्माने का प्रावधान
नहर के किनारे को नीचे से खोखला करना, पाइप लगाकर पानी निकालना चोरी की श्रेणी में आता है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यदि सरकारी कार्य या विकास कार्य के लिए कोई विभाग या ठेकेदार नहर का पानी लेता है तो उसे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अनुमति लेनी होती है। इसके लिए उसे वाटर चार्ज सरकार की निर्धारित दरों के हिसाब से जमा कराना होता है। यदि बिना अनुमति पानी निकालते हैं तो जुर्माने का भी प्रावधान है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.