‘चीन के साथ हमारा एक मुद्दा, समाधान हम दोनों को ही निकालना है’, विदेश मंत्री जयशंकर की दो टूक

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर कहा है कि चीन के साथ हमारा एक मुद्दा है और इसका समाधान हम दोनों को ही निकालना है। हम भारत और चीन के बीच वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं।

किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार किया
विदेश मंत्री ने भारत-चीन सीमा विवाद में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच मुद्दे का समाधान उन्हीं दोनों को निकालना है। टोक्यों में संवाददाता सम्मेलन में कई सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए हम अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ दो बार हुई बैठक का जिक्र किया
उन्होंने कहा कि हमारे बीच एक समस्या है या मैं कहना चाहूंगा कि भारत और चीन के बीच एक मुद्दा है। मुझे लगता है कि हम दोनों को इस पर बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने इस महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ दो बार हुई अपनी बैठक को जिक्र करते हुए कहा कि जाहिर है, दुनिया के अन्य देशों की भी इस मामले में रुचि होगी, क्योंकि हम दो बड़े देश हैं और हमारे संबंधों की स्थिति का बाकी दुनिया पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन हम अपने बीच के वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं।

लाओस की राजधानी में मुलाकात हुई थी
जयशंकर और वांग की पिछले सप्ताह लाओस की राजधानी में मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने दक्षिण पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) की बैठकों में भाग लिया था। बैठक के दौरान उन्होंने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की थी। चार जुलाई को जयशंकर और वांग ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में मुलाकात की थी।
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